NITI Aayog VC: भारत में प्रगति मजबूत सुरक्षा तंत्र व विकास को बढ़ावा देने वाले सुधारों की दोहरी रणनीति का परिणाम

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NITI Aayog VC
NITI Aayog VC: भारत में प्रगति मजबूत सुरक्षा तंत्र व विकास को बढ़ावा देने वाले सुधारों की दोहरी रणनीति का परिणाम

NITI Aayog Chairman At United Nations, (आज समाज), न्यूयॉर्क: नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा है कि भारत ने विभिन्न सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में तरक्की की है। बेरी शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा नीति आयोग के सहयोग से ‘एसडीजी: एजेंडा 2030 के लिए गति बनाए रखना’ शीर्षक से आयोजित एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, मजबूत सुरक्षा तंत्र के साथ ही अधिक सक्षम वातावरण से विकास को बढ़ावा देने वाले सुधारों की दोहरी रणनीति से एसडीजी में प्रगति हुई है। इसी का नतीजा है कि भारत आज सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है।

24 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए

सुमन बेरी ने बताया कि 2013-14 और 2022-23 के बीच 24 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं और 2015 के बाद से सामाजिक सुरक्षा कवरेज दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि एसडीजी लक्ष्यों के अंतर्गत वर्ष 2030 से पहले भारत मातृ, शिशु और शिशु मृत्यु दर के स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है।

ऊर्जा परिवर्तन में एक अहम उपलब्धि

सुमन बेरी ने बताया कि भारत ने ऊर्जा परिवर्तन में एक अहम उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा, हमने अपनी स्थापित विद्युत क्षमता का 50 फीसदी गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से हासिल किया है, जो पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के तहत निर्धारित लक्ष्य से 5 वर्ष पहले है। ये उपलब्धियाँ इस बात का संकेत हैं कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के मकसद से एक वितरण तंत्र स्थापित किया है। उन्होंने कहा, भारत उन अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को गंभीरता से लेता है।

एसडीजी के संकेतक व बौद्धिक ढांचे पर लगातार काम कर रहे

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में विकास एक राजनीतिक कार्य है और हम एसडीजी के संकेतक व बौद्धिक ढांचे पर लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत के समावेशी विकास के एजेंडे व 2015 में विश्व द्वारा एक साथ मिलकर एडॉप्ट किए गए एजेंडे का सुखद संगम है, जब पेरिस जलवायु समझौते और एसडीजी दोनों पर हमारी एक राय थी।

एसडीजी को स्थानीय बनाने के भारत के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला

सुमन बेरी ने राज्य-स्तरीय संकेतक ढांचों और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से एसडीजी को स्थानीय बनाने के भारत के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विश्व स्तरीय डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के निर्माण, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और सतत विकास के लिए परिवर्तनकारी उपकरणों के रूप में डेटा-संचालित शासन को सक्षम बनाने में भारत के अग्रणी कार्य का प्रदर्शन किया।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) में सहायक महासचिव और एशिया प्रशांत क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक कन्नी विग्नाराजा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी का अनुभव दर्शाता है कि सतत विकास लक्ष्य का स्थानीयकरण मूल रूप से सोचे गए से कहीं अधिक प्रासंगिक है।

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