पूजा के दौरान फूल चढ़ाना एक सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा
Puja flowers Rules, (आज समाज), नई दिल्ली: मंदिरों और घरों में पूजा के दौरान फूल चढ़ाना एक सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा है। ये फूल न केवल भगवान के प्रति हमारी श्रद्धा को दर्शाते हैं, बल्कि पूजा स्थल को एक सकारात्मक ऊर्जा से भी भर देते हैं। लेकिन, जब ये फूल मुरझा जाते हैं, तो इन्हें हटाने की बारी आती है।
क्या आप भी इन फूलों को सामान्य कूड़ेदान में फेंक देते हैं? अगर हां, तो आपको अपनी आदत बदलनी होगी, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करना देवताओं का अपमान माना जाता है। आइए, जानते हैं मुरझाए हुए इन पवित्र फूलों को सही तरीके से कैसे विसर्जित किया जाए, ताकि उनकी सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और हमें पुण्य की प्राप्ति हो।
सामान्य कूड़ेदान में न फेंके
धार्मिक शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार, जो फूल भगवान को अर्पित किए जाते हैं, उनमें साक्षात भगवान का स्पर्श और उनकी सकारात्मक ऊर्जा समाहित हो जाती है। वे फूल साधारण नहीं, बल्कि प्रसाद के समान पवित्र हो जाते हैं। इन पवित्र फूलों को सामान्य कचरे के साथ फेंकना या अपवित्र स्थानों पर डालना देवताओं का घोर अपमान माना जाता है।
- नकारात्मकता: ऐसा करने से पूजा का फल नष्ट हो सकता है और घर या मंदिर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो सकता है।
मुरझाए फूलों को विसर्जित करने के पवित्र तरीके
- मुरझाए फूलों को किसी पवित्र नदी (जैसे गंगा, यमुना), शुद्ध बहते जल (जैसे नहर, तालाब, या बड़ी झील) में सम्मानपूर्वक प्रवाहित कर देना चाहिए।
- धार्मिक महत्व: ऐसा माना जाता है कि जल में विसर्जित होने से ये फूल वापस प्रकृति के चरणों में चले जाते हैं और उनका अपमान नहीं होता है।
- बागवानी और खाद: यदि आपके आस-पास कोई पवित्र नदी या शुद्ध बहता जल उपलब्ध नहीं है, तो बागवानी का यह तरीका पर्यावरण के लिए भी सबसे अच्छा है।
- खाद बनाना: फूलों को सीधे मिट्टी में या घर की बागवानी की खाद में मिला देना चाहिए।
- फिर से उपयोग: इस तरीके से फूल अपवित्र होने से बच जाते हैं और खाद के रूप में बदलकर फिर से प्रकृति की सेवा में लग जाते हैं। यह पोषक तत्वों से भरपूर खाद आपके पौधों के लिए अमृत समान होती है।
- उपयोग: इन्हें गमले की मिट्टी में या किसी शुद्ध स्थान पर मिट्टी में दबा देना भी सही माना जाता है।
- पूजनीय पेड़ों की जड़ों में विसर्जन: कुछ पेड़ और पौधे धार्मिक रूप से बहुत ही पूजनीय माने जाते हैं। आप इनके नीचे भी फूल विसर्जित कर सकते हैं।
- पवित्र स्थान: धार्मिक रूप से पूजनीय पेड़ों, जैसे पीपल, बरगद (वटवृक्ष), या तुलसी के पौधे की जड़ों में इन फूलों को सम्मानपूर्वक विसर्जित किया जा सकता है।
- महत्व: मान्यता के अनुसार, इन वृक्षों को देवताओं का निवास माना जाता है, इसलिए इनकी जड़ें फूलों के विसर्जन के लिए एक पवित्र स्थान बन जाती हैं।
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