लहसुन-प्याज का नहीं करना चाहिए प्रयोग
Pitru Paksha, (आज समाज), नई दिल्ली: श्राद्ध में पितरों के पसंद का सात्विक भोजन बनाना चाहिए, जिसमें खीर, पूरी, कद्दू की सब्जी, लौकी, भिंडी, और उड़द के दाल के बड़े बनाए जाते हैं। भोजन में गाय का दूध, दही, घी, जौ, मटर, सरसों, गंगाजल, शहद, कुश, और तिल का उपयोग विशेष महत्व रखता है, और लहसुन-प्याज का प्रयोग नहीं किया जाता।
श्राद्ध में बनाए जाने वाले व्यंजन
- खीर: गाय के दूध से बनी चावल की खीर का बहुत महत्व है।
- पूरी: खीर के साथ पूरी बनाना शुभ माना जाता है।
- सब्जियां: लौकी, तोरी, भिंडी, कच्चा केला और कद्दू जैसी बेल पर लगने वाली मौसमी सब्जियां बनाई जा सकती हैं।
- उड़द की दाल के बड़े भी बनाए जाते हैं।
श्राद्ध के भोजन में जरूरी सामग्री
- दूध: खीर और अन्य पकवानों के लिए गाय का दूध इस्तेमाल होता है।
- घी और दही: गाय का घी और दही भी महत्वपूर्ण हैं।
- अन्य अनाज: जौ, मटर और सरसों का प्रयोग श्रेष्ठ माना जाता है।
- गंगाजल, शहद, कुश और तिल श्राद्ध के भोजन के लिए सबसे जरूरी सामग्री हैं।
श्राद्ध में क्या ध्यान रखें
- सात्विक भोजन: लहसुन और प्याज का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- शुद्धता: भोजन घर में ही बनाना चाहिए और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
- तिल का महत्व: तिल का प्रयोग बढ़ाने से उसका फल अक्षय होता है और वे पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा करते हैं।
- पितरों की पसंद: भोजन पितरों की पसंद का होना चाहिए, जिससे वे तृप्त हों।
लोहे के बर्तनों का प्रयोग वर्जित
पितृ पक्ष में लोहे के बर्तनों का प्रयोग वर्जित माना गया है। इसलिए ध्यान रखें कि पितरों का खाना बनाने में इन बर्तनों का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा पितृ पक्ष में दान का विशेष महत्व है। पशु-पक्षियों को भोजन कराना चाहिए। इस दौरान किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए। और पितरों के द्वारा किए गए कार्य को याद कर उनका आभार प्रकट करना चाहिए।
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