इन्वर्टर की अच्छी परफॉर्मेंस के लिए बैटरी ख्याल रखना बेहद जरूरी
Refill Inverter Battery (आज समाज) नई दिल्ली: इन्वर्टर उन घरों और दफ्तरों के लिए बहुत जरूरी हो गए हैं जहां बिजली बार-बार चली जाती है। अगर आप भी अपने घर में इन्वर्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि इन्वर्टर की बैटरी में पानी कब डालना चाहिए। इन्वर्टर की अच्छी परफॉर्मेंस के लिए इसकी बैटरी का सही से ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे।
वक्त पर पानी नहीं भरने से ड्राई हो सकती बैटरी
सबसे पहले ये बात जान लें कि इन्वर्टर की बैटरी में पानी बदला नहीं जाता है, बल्कि उसका लेवल कम होने पर डिस्टिल्ड वाटर से उसे दोबारा रिफिल किया जाता है। अगर वक्त पर पानी न भरें तो इससे बैटरी ड्राई हो सकती है और उसकी परफॉर्मेंस पर इसका असर देखने को मिल सकता है।
ऐसे पता करें इन्वर्टर की बैटरी में पानी डालें या नहीं
दरअसल, इन्वर्टर की बैटरी में मिनिमम और मैक्सिमम इंडिकेटर दिया होता है। अगर इसमें पानी का लेवल मिनिमम मार्क से नीचे चला जाता है तो समझ लीजिए कि अब बैटरी में पानी भरने का समय आ गया है। हमेशा ध्यान रखें कि यह इंडिकेटर मिनिमम और मैक्सिमम के बीच होना चाहिए। बैटरी में ज्यादा पानी भरने से भी यह खराब हो सकती है।
कितने वक्त बाद डालें बैटरी में पानी
अगर आपके एरिया में कम बिजली जाती है और आमतौर पर इन्वर्टर का इस्तेमाल भी कम ही होता है तो हर 2 से 3 महीने में बैटरी का वाटर लेवल चेक करना चाहिए। वहीं, अगर इन्वर्टर का यूज काफी ज्यादा हो रहा है या लंबे टाइम तक बैकअप लिया जा रहा है, तो हर 1 से 1.5 महीने में बैटरी का वाटर लेवल देखना जरूरी हो जाता है।
ये भी पढ़ें : नया प्राइवेसी फीचर लांच करने की तैयारी में व्हाट्सएप