Haryana News: हरियाणा में जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए जिला अध्यक्ष बनाएगी कांग्रेस

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Haryana News: हरियाणा में जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए जिला अध्यक्ष बनाएगी कांग्रेस
Haryana News: हरियाणा में जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए जिला अध्यक्ष बनाएगी कांग्रेस

आवेदन फॉर्म में लिखनी होगी जाती
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में जिला अध्यक्षों के चुनाव में कांग्रेस जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रख रही है। कांग्रेस की ओर से जो आवेदन फॉर्म जारी किया गया है। उसमें जनरल, एसी, ओबीसी, बीसी जैसे आॅप्शन भर दिए जाते हैं। हालांकि, कांग्रेस ने जो फॉर्मेट दिया है, उसमें अब अगर कोई जनरल कैटेगरी से है तो उसे यह भी बताना होगा कि वह जनरल कैटेगरी में ब्राह्मण है, राजपूत है, वैश्य है, आदि। अगर कोई आवेदक यदि ओबीसी है तो उसे बताना होगा कि वह यादव है, कुम्हार है, सैनी है, आदि।

बीसी के आवेदक को बताना होगा कि उसकी उपजाति धोबी, पाल, बघेल, आदि में से क्या है। इसी तरह एससी के आवेदक को भी अपनी उपजाति फॉर्म में लिखनी होगी। कांग्रेस को लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। इसलिए कांग्रेस आगे के लिए कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।

भाजपा के बीसी वोट बैंक में सेंधमारी करना चाहती है कांग्रेस

गौरतलब है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जाटों के वोट का बड़ा हिस्सा मिला था। हालांकि, अनुसूचित जाति (एससी) वोटरों में भाजपा ने सेंध लगा दी। इसके साथ ही पिछड़ा वर्ग (बीसी) वोटरों का बड़ा हिस्सा भी भाजपा की झोली में चला गया था। ऐसे में कांग्रेस अब भाजपा के बीसी वोट बैंक में सेंधमारी करना चाहती है। इसी वजह से वर्ग से आगे बढ़कर जाति पूछी जा रही है।

भाजपा ने विधानसभा चुनाव में ओबीसी चेहरे को बनाया था मुख्यमंत्री पद का दावेदार

हरियाणा में एससी और बीसी मतदाताओं की संख्या 50 से 52% के बीच है। वोट की बात करें तो 50% एससी समाज ने कांग्रेस के पक्ष में विधानसभा चुनाव 2024 में मतदान किया था। जाट समाज का झुकाव भी कांग्रेस की ओर दिखा। भाजपा ने 2024 के विधानसभा चुनाव में ओबीसी चेहरे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया। इस दांव के दम पर भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब हुई थी।

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