- सावन माह के आखिरी सोमवार को स्वार्थ सिद्धि, ब्रह्म व इंद्र योग
- सावन माह नौ अगस्त को हो रहा है समाप्त, उसी दिन रक्षाबंधन पवन
(Jind News) जींद। सावन माह का अंतिम सोमवार चार अगस्त को है और नौक अगस्त को समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में सोमवार के दिन शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमडेगी। माना जाता है कि सावन सोमवार के दिन व्रत करने व भोलेनाथ की विधिवत पूजा करने से मानवांछित फल की प्राप्ति होती है। सावन माह के आखिरी सोमवार को स्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है।
इस अवधि में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त होता है। इसके अलावा ब्रह्म व इंद्र योग भी रहेगा। सावन माह के अंतिम सोमवार को जलाभिषेक का ब्रह्म मुहुर्त सुबह चार बज कर 20 मिनट से सुबह पांच बजकर दो मिनट तक रहेगा। वहीं जलाभिषेक का अभिजीत मुहुर्त दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
शिवालयों में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
सोमवार को सावन माह का अंतिम सोमवार पर शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भी उमड़ेगी। ऐसे में मंदिर कमेटियों द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन रूद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन श्रद्धालु शिव स्तुति के साथ ही भगवान शिव की पूजा करते हैं।
ऐसे करें पूजा
जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि सावन के अंतिम सोमवार पर सुबह ही स्नान कर लें। साफ वस्त्रों को धारण करें। अब पूजा के लिए सभी सामान को एकत्रित करें। इसके बाद शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, घी, दही, शहद और शक्कर से अभिषेक करें। फिर महादेव को बिल्वपत्र चढ़ाएं। ओम नम: शिवाय जपते हुए शिवलिंग पर धतूरा, भस्म और शमी का फूल अर्पित करें। इसके बाद कुछ मौसमी फलों को अर्पित करें। दीप जलाएं और भगवान शिव का जाप करें।
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