- ज्ञान गंगा केंद्र से अधिक से अधिक बच्चों को जोडऩे की कवायद : कार्तिकेय शर्मा
- प्रदेश के 22 के 22 जिलों में ज्ञान गंगा केंद्र जल्द से जल्द खोलें जाएंगे : कार्तिकेय शर्मा
- आज भारत के अंदर लगभग दो लाख से भी ज्यादा के स्टार्टअप्स हो चुके : कार्तिकेय शर्मा
- तकनीक को साथ लेकर आगे बढऩा होगा : कार्तिकेय शर्मा
- रामराये स्थित संस्कृत महाविद्यालय में पंडित केदारनाथ शर्मा संस्कृत भवन (एआई) की रखी आधारशीला
Jind News(आज समाज नेटवर्क)जींद। राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि उनके पिता पंडित विनोद शर्मा ने जो लक्ष्य लिया है, उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए वो उसे पूरा करेंगे। हरियाणा के 22 के 22 जिलों में ज्ञान गंगा केंद्र जल्द से जल्द खोलें जाएंगे। वो किसी नेता के हिसाब से आपके बीच में नही है। वो आपके बेटे, भाई होने के नाते हमेशा आपके साथ हैं।गांव रामराये स्थित श्री ब्राह्मण संस्कृत महाविद्यालय रामराये में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने पंडित केदारनाथ शर्मा संस्कृत भवन (एआई) की आधारशीला रखी और कार्यक्रम को संबोधित किया। राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि जैसे हमारी संस्कृति है, वैसे ही आने वाला समय आधुनिकता का है, तकनीक का है और कैसे हम अपनी संस्कृति को साथ लिए तकनीक के साथ आगे बढ़ें।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को आह्वान किया था की 2047 तक भारत एक विकसित देश के तौर पर स्थापित करना है
हमें यही सोच रखनी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को आह्वान किया था की 2047 तक भारत एक विकसित देश के तौर पर स्थापित करना है। इस कहावत को हमें सच करना है। एक कहावत थी कि भारत को एक समय पर सोने की चिडिय़ा कहा जाता था। सोने की चिडिय़ा इसलिए कहा जाता था क्योंकि भारत दुनिया की ज्ञान का केंद्र था। वह किसी भी प्रकार का ज्ञान हो चाहे वह ज्ञान हो विज्ञान हो।
अगर 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाना है तो उसका रास्ता भी ज्ञान के रास्ते से होकर जाएगा और आज एक बहुत ही अच्छी शुरुआत इसकी हो गई है। कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि जो हमारी संस्कृति है, जो हमारा इतिहास है, वह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक ऐसी व्यवस्था संस्कृत को आगे बढऩा, बच्चों तक ऐसी व्यवस्था बनाना कि वह पढ़ सकंे और उसे पढ़ाई से अपनी जिंदगी का गुजर कर सकें। यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है और यह संस्थान 1948 से यह काम कर रहा है। जोकि बधाई का पात्र है।
प्रदेश के 22 के 22 जिलों में ज्ञान गंगा केंद्र जल्द से जल्द खोलें जाएंगे : कार्तिकेय शर्मा
ज्ञान गंगा केंद्र एक ऐसी पहल है, जिसमें उन बच्चों को हाई क्लास कोचिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो किसी कारणवश कोचिंग नही ले पाते हैं। गांव या देहात में रहने के चलते अच्छे से पढ़ाई नही कर पाते हैं। ऐसे में ज्ञान गंगा केंद्र ऐसे बच्चों की मदद करता है। बच्चों को अपने आसपास ही किसी धर्मशाला या मंदिर में ज्ञान गंगा केंद्र से जुड़ कर यह व्यवस्था मिल सकती है। उन्होंने कहा कि जितनी हमारी सामाजिक संस्थाएं हैं वो सब मिल कर धर्मशालाएं, मंदिर बनवाती हैं ताकि सामाजिक कार्यक्रम हो सकें लेकिन इसी आस्था से हमें बच्चों के भविष्य के बारे में भी सोचना होगा।
इसी सोच को लेकर ज्ञान गंगा केंद्र की शुरूआत की गई है। ज्ञान गंगा केंद्र के तहत जितनी भी मंदिर व धर्मशालाएं शहर में या गांव में हैं वो तकनीकि माध्यक से इस केंद्र से जुड़ सकती हैं। जो बच्चे आर्थिक अभाव में कोचिंग नही ले पाते हैं, उनके लिए यह केंद्र शहर की कोचिंग उपलब्ध करवाएगा ताकि जिस बच्चे में प्रतिभा है वह किसी कारण से पीछे न रहने पाए और उसको भी मौका मिले। यूपीएससी, नीट, कोई भी परीक्षा हो, जिसकी वो तैयारी करना चाहते हैं, उसके लिए छात्रों को ज्ञान गंगा केंद्र से मदद मिलेगी। उनका प्रयास है कि वो अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंच सकें और उन्हें नई दशा व दिशा मिल सके। हम सबको मिल कर इसके लिए प्रयास करना होगा।
तकनीक को साथ लेकर आगे बढऩा होगा : कार्तिकेय शर्मा
कार्तिकेय ने कहा कि आधुनिकता के मामले में हम सबसे आगे हैं। यह एआई व्यवस्था रामराये गांव के बच्चों के लिए एक ऐसी व्यवस्था देगा कि वह अपना उज्जवल भविष्य बना सकें लेकिन उसके साथ-साथ हमें अपने संस्कारों को भी हमेशा याद रखना होगा। कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी शहर के बच्चों से पीछे न रहें, इसके लिए ज्ञान गंगा केंद्र के नाम से ऐसी एक व्यवस्था बनाई गई है जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे अपने गांव के मंदिर, धर्मशाला या सार्वजिनक स्थानों पर बैठ कर उच्च कोटि की पढ़ाई कर सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर बच्चा डॉक्टर या इंजीनियर नही बन सकता है, हर बच्चे की सरकारी नौकरी नही मिल सकती है। ऐसे में हमें स्वत: ही रोजगार के अवसर ढूंढने हैं। इसके लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी प्रयास करना चाहिए कि हम ऐसी व्यवस्था बना सकें कि हम अपने नौजवानों को, अपनी युवा पीढ़ी को किसी को भी रोजगार से वंचित न रहने दें। हम ऐसे अवसर उनको प्रदान करें कि वो नौकरी के लिए नही दौडें।
आज भारत के अंदर लगभग दो लाख से भी ज्यादा के स्टार्टअप्स हो चुके : कार्तिकेय शर्मा
कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है। हमें उससे जुड़े हुए जो स्टार्टअप हैं, उनकी जानकारी प्राप्त करनी है। आज भारत के अंदर लगभग दो लाख से भी ज्यादा के स्टार्टअप्स हो चुके हैं। जिनमें से 117 यूनिकॉर्न यानी कि ऐसी 117 कंपनियां अरबपति कंपनियां बन चुकी हैं। आपको यह बात जानकर आश्चर्य होगा कि इनमें से अधिकांश बच्चे, जिन्होंने कंपनियां बनाई हैं 60 से 70 प्रतिशत वह छोटे गांव, देहात और शहर से निकले हैं, बड़े शहरों से नहीं। इसका मतलब एक है कि हमारे बच्चों में भी क्षमता है और अपने गांव, अपने देश, अपने प्रदेश, अपने जिले का नाम रोशन कर सकते हैं। भविष्य में पंडित केदारनाथ शर्मा संस्कृत भवन (एआई) बच्चों के लिए मील का पत्थर साबित होग। कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि आज तकनीक का जमाना है, एआई का जमाना है और इस एआई को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। ज्ञान गंगा केंद्र में हम हर प्रकार की कोशिश कर रहें हैं, स्पेशल कोर्सेज होंगे। जिसमें आईलेट्स की तैयारी तक बच्चे कर सकेंगे। बच्चों को उच्च शिक्षा की हर सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
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