- मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सरकारी एजेंसियों की तैयारी का मूल्यांकन करना होता है मुख्य उद्देश्य : एसडीएम
(Jind News) जींद। ऑपरेशन शील्ड के तहत शनिवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। सायरन बजते ही सभी हरकत में आ गए और मॉक ड्रिल के तहत तैयारियों को दिखाने में कर्मचारी जुट गए। वहीं 7:55 से सवा आठ बजे तक ब्लैक आउट रहा। मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट को लेकर पहले ही आमजन को जानकारी दे दी गई थी।
सायरन की सक्रियता जांची
ऑपरेशन शील्ड के दौरान सायरन की सक्रियता की जांच की गई और अन्य विभिन्न प्रकार की गतिविधियां भी आयोजित की गई। एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने कहा कि अगर कोई आपातकालीन स्थिति आती है तो उस समय जिला प्रशासन के सहयोग से बचाव दलों द्वारा घायलों को जल्द से जल्द उपचार के लिए अस्पताल भेजा जाता है। ऐसी स्थिति में हिदायतों अनुसार सभी घायलों की प्राथमिक उपचार के साथ-साथ हर प्रकार से मदद करनी होती हैै।
सायरन बजते ही हरकत में आया प्रशासन
भौंपू बजते ही पुलिस विभाग, होमगार्ड, एनसीसी, स्वास्थ्य विभाग की टीम, फायर बिग्रेड जैसे महत्वपूर्ण विभागों द्वारा इसका अभ्यास किया गया। सभी विभाग किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहे। किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए अधिकारी व कर्मचारी अपने विभाग से संबंधित सभी प्रबंध किए गए थे।
ऑपरेशन शील्ड के तहत हुई मॉक ड्रिल : एसडीएम
एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने बताया की जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय लघु सचिवालय परिसर में शनिवार को द्वितीय नागरिक सुरक्षा अभ्यास के तहत ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल आयोजन किया गया। ऑपरेशन शील्ड का उद्देश्य आपात स्थिति में तैयारी और रिस्पॉन्स को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
इसमें सिर्फ स्थिति से निपटने के लिए सरकारी एजेंसियों की तैयारियों का मूल्यांकन करना होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं से निपटने के समय साधनों के साथ-साथ आपसी तालमेल की अधिक आवश्यकता रहती है और सभी विभाग आपस में बेहतर तालमेल स्थापित करें। लोगों की सकारात्मक भूमिका से आपदा से निपटने तथा जान और माल के नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण सहयोग मिलता है।
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