- चार माह का बकाया मानदेय दिलाने की मांग
(Jind News) जींद। मिड डे मील वर्कर्स यूनियन ने शुक्रवार को जिला सचिव सुनीता और जिला उपाध्यक्ष पिंकी के नेतृत्व में पिछले चार महीने से मानदेय नहीं मिलने पर धरना दिया और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। यूनियन नेताओं ने कहा कि फरवरी के बाद से जींद की मिड डे मिल वर्करों को अपना मानदेय नहीं मिला। इससे मिड डे मिल वर्करों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा। मिड डे मिल में काम करने वाली महिलाएं गरीब तबकों और ज्यादातर विधवा है।
उन्होंने मांग की कि जल्दी से जल्दी मिड डे मिल वर्करों का रुका हुआ मानदेय जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के बजट में लगातार कटौती कर रही है लेकिन बेटी बचाओ ओर बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों के पास महिलाओं की समस्याओं को सुनने तक का टाइम नहीं।
नौ जुलाई को पूरे हरियाणा की मिड डे मिल वर्कर्स प्रदर्शन करेंगे
12 अप्रैल को पानीपत, सोनीपत व करनाल की मिड डे मील वर्कर्स शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा के आवास पानीपत में प्रदर्शन किया था लेकिन शिक्षा मंत्री ने भी मिड डे मिल वर्कर्स की मांगों का समाधान नही किया तो नौ जुलाई को पूरे हरियाणा की मिड डे मिल वर्कर्स हड़ताल करके अपने जिले में उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि मिड डे मील वर्कर्स लंबे समय से अपनी मांगों व समस्याओं को लेकर आंदोलनरत है लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है सरकार की बेरुखी है। यूनियन ने मांग की कि वर्कर्स का बकाया व कटा हुआ मानदेय तुरंत जारी किया जाए। बच्चे कम होने या स्कूल बंद या मर्ज होने पर वर्कर्स को नहीं हटाया जाए।
हटाई गई वर्करों को दोबारा काम पर लिया जाए। बच्चे कम होने पर वर्कर को अन्य सरकारी स्कूल में समायोजित किया जाए। वर्कर्स का न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये किया जाए और पूरे 12 महीने का वेतन दिया जाए। वर्कर्स का मानदेय उसके खाते में सात तारीख तक डाला जाए।
केंद्र व राज्य का मानदेय इक_ा और बिना कांट-छांट के दिया जाए। इसके अलावा वर्कर्स को रिटायरमेंट पर दो लाख रुपये व दुर्घटना में घायल या मृत्यु होने पर मुआवजा दिया जाए। स्कूलों में स्वयं सहायता समूह बंद करने, महीने में दो अवकाश देने, मेडिकल निशुल्क करने, 12वीं तक बच्चों को मिड डे मील योजना में लाने परए वर्कर्स को पक्का करने आदि की मांग उठाई गई। इस मौके पिंकी, मुकेश, अनीता, नीलम, रानी, सुनीता, बाला, कविता आदि भी मुख्य रूप से शामिल रही।
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