Water Soluble Plastic: जापान के वैज्ञानिकों ने विकसित किया समुद्र के पानी में घुलने वाला प्लास्टिक

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Water Soluble Plastic: जापान के वैज्ञानिकों ने विकसित किया समुद्र के पानी में घुलने वाला प्लास्टिक
Water Soluble Plastic: जापान के वैज्ञानिकों ने विकसित किया समुद्र के पानी में घुलने वाला प्लास्टिक

प्लास्टिक प्रदूषण की वैश्विक समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकता है इनोवेशन
Water Soluble Plastic (आज समाज) नई दिल्ली: जापान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा प्लास्टिक विकसित किया है जो समुद्र के पानी में कुछ घंटों के भीतर घुल जाता है। यह इनोवेशन प्लास्टिक प्रदूषण की वैश्विक समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकता है। राइकेन सेंटर फॉर एमरजेंट मैटर साइंस और टोक्यो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा नई प्रकार का प्लास्टिक विकसित किया है, जो समुद्र के खारे पानी में कुछ ही घंटों में पूरी तरह घुल जाता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह प्लास्टिक पारंपरिक बायोडीग्रेडेबल प्लास्टिक की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से टूटता है और कोई हानिकारक अवशेष भी नहीं छोड़ता। टोक्यो के पास वाको शहर की एक लैब में हुए प्रदर्शन में देखा गया कि एक छोटा टुकड़ा सिर्फ एक घंटे में समुद्री पानी में पूरी तरह घुल गया। हालांकि, वैज्ञानिकों की इस सफलता को लेकर फिलहाल कोई व्यावसायिक योजना घोषित नहीं की गई है। लेकिन प्रोजेक्ट लीड डॉ. ताकुजो आइडा ने बताया कि पैकेजिंग इंडस्ट्री समेत कई क्षेत्रों से इस प्लास्टिक में रुचि दिखाई गई है।

माइक्रोप्लास्टिक उत्पन्न किए बिना अपने मूल घटकों में टूट जाता है प्लास्टिक

नया प्लास्टिक पारंपरिक पेट्रोलियम बेस्ड प्लास्टिक जितना मजबूत है, लेकिन इसमें एक खासियत यह है कि यह माइक्रोप्लास्टिक उत्पन्न किए बिना अपने मूल घटकों में टूट जाता है। यह प्लास्टिक जमीन पर भी 200 घंटे से अधिक समय में अपने आप विघटित हो सकता है।

प्लास्टिक न तो जहरीला है, न ही ज्वलनशील

यह प्लास्टिक न तो जहरीला है, न ही ज्वलनशील और न ही कार्बन डाइआॅक्साइड उत्सर्जित करता है। वैज्ञानिक अब इस पर काम कर रहे हैं कि इसे कैसे कोटिंग के जरिए रोजमर्रा की वस्तुओं में प्रयोग लायक बनाया जाए।

पर्यावरण के लिए एक बड़ा राहत का संकेत

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण तीन गुना हो सकता है, जिसके 23-37 मेट्रीक टन से भी अधिक होने का अनुमान है। ऐसे में यह खोज समुद्री जीवन और पर्यावरण के लिए एक बड़ा राहत का संकेत हो सकती है।