Jalandhar Crime News : भ्रष्टाचार के आरोप में जालंधर विधायक गिरफ्तार

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Jalandhar Crime News : भ्रष्टाचार के आरोप में जालंधर विधायक गिरफ्तार
Jalandhar Crime News : भ्रष्टाचार के आरोप में जालंधर विधायक गिरफ्तार

इसी माह इंजीनियर्स एंड बिल्डिंग डिजाइनर एसोसिएशन, के तीन पदाधिकारियों ने दी थी लिखित शिकायत

Jalandhar Crime News (आज समाज), चंडीगढ़ : भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के जालंधर रेंज कार्यालय ने जालंधर (केंद्रीय) के मौजूदा विधायक रमन अरोड़ा को जालंधर नगर निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि 14 मई 2025 को इंजीनियर्स एंड बिल्डिंग डिजाइनर एसोसिएशन, जालंधर के तीन पदाधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित एक संयुक्त शिकायत ब्यूरो को प्राप्त हुई, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि सहायक टाउन प्लानर (एटीपी), नगर निगम, जालंधर सुखदेव वशिष्ठ उनसे अवैध रिश्वत की मांग करता है।

विजिलेंस ने केस में इस तरह की कार्रवाई

प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस शिकायत की जांच के उपरांत, विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज ने इंजीनियर्स एंड बिल्डिंग डिजाइनर एसोसिएशन, जालंधर के अध्यक्ष इंजीनियर सुनील कटियाल की शिकायत पर उक्त सुखदेव वशिष्ठ, एटीपी, एमसी जालंधर के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण कानून की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया। इसके बाद कुछ अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई।

इस तरह विधायक तक पहुंची जांच

प्रवक्ता ने आगे बताया कि और जांच से पता चला है कि गिरफ्तार अधिकारी द्वारा एक स्थानीय राजनेता के साथ मिलकर शहर के लोगों से जबरन पैसे वसूलने और भ्रष्टाचार में शामिल होने के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया जा रहा था। गिरफ्तार किया गया एटीपी, विधायक रमन अरोड़ा के कहने पर और उसकी सलाह से व्यावसायिक और आवासीय दोनों तरह की इमारतों या निमार्णाधीन इमारतों की पहचान करता था और कथित उल्लंघनों के लिए उन्हें नोटिस भेजता था।

जब इमारत के मालिक या उनके प्रतिनिधि संबंधित अधिकारी के पास पहुंचते थे तो वह उन्हें उक्त विधायक के पास भेजता था। उक्त विधायक फिर अवैध रूप से रिश्वत लेकर मामले को सुलझा देता था। उक्त विधायक से हां-पक्षीय संदेश मिलने पर, फाइलें दोषी ए.टी.पी. द्वारा भेज दी जातीं लेकिन कोई कार्रवाई शुरू न होती। उक्त मिलीभगत से संबंधित ऐसे 75-80 के करीब नोटिस बरामद किए गए हैं। अन्य फाइलों के निपटारे के लिए भी यही तरीका अपनाया जाता था।

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