Punjab Breaking News : युवाओं में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहन देना जरूरी : मान

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Punjab Breaking News : युवाओं में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहन देना जरूरी : मान
Punjab Breaking News : युवाओं में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहन देना जरूरी : मान

मुख्यमंत्री द्वारा बरनाला जिले में 2.80 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित आठ सार्वजनिक पुस्तकालय समर्पित

Punjab Breaking News (आज समाज), बरनाला : आज टेक्नॉलोजी के दौर में युवा वर्ग साहित्य से दूर होता जा रहा है। आज युवा वर्ग घंटों फोन पर तो बिता सकता है लेकिन अच्छी पुस्तकें पढ़ने की रूचि उनमें अब नहीं रही। हमारी सरकार का यह लक्ष्य है कि अधिक से अधिक युवाओं को सााहित्य के साथ जोड़ा जाए। युवा अच्छी पुस्तकें पढ़ें और उनमें अच्छी विचारधारा का जन्म हो। यह शब्द पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बरनाला जिले में 2.80 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए गए आठ आधुनिक सार्वजनिक पुस्तकालयों को जनता को समर्पित करने के दौरान कहे।

प्रत्येक पुस्तकालय पर 35 लाख खर्च किए गए

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि भदौड़ और महल कलां विधानसभा क्षेत्रों में स्थित इन पुस्तकालयों का उद्घाटन आज किया गया। उन्होंने बताया कि शहिणा, धौला, तलवंडी, मझूके, कुत्बा, दीवाना, वजीदके कलां और ठुलीवाल गांवों में निर्मित इन आठ पुस्तकालयों पर कुल 2.80 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्रत्येक पुस्तकालय लगभग 35 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है।

आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं पुस्तकालय

भगवंत सिंह मान ने बताया कि ये पुस्तकालय आधुनिक बुनियादी ढांचे से युक्त हैं, जिनमें कंप्यूटर, इंटरनेट की सुविधा, उच्च गुणवत्ता वाला साहित्य और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पुस्तकालयों ने विद्यार्थियों के सपनों को साकार करने की एक नई आशा जगाई है। अब दूरदराज गांवों के छात्र भी अपने गांवों में रहकर पुस्तकें पढ़कर वैश्विक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने विश्वास जताया कि ये पुस्तकालय न केवल छात्रों के बौद्धिक स्तर को ऊंचा उठाएंगे, बल्कि उन्हें उनके लक्ष्य प्राप्त करने में भी सहायता करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी आशा व्यक्त की कि ये ग्रामीण पुस्तकालय राज्य के विकास और समृद्धि को सुनिश्चित करने में सार्थक भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य युवाओं में पढ़ने की रुचि विकसित करना है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सामाजिक-आर्थिक विकास में भागीदार बनें।