Business News Update : अमेरिका को जारी रहेगा भारतीय सीफूड निर्यात

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Business News Update : अमेरिका को जारी रहेगा भारतीय सीफूड निर्यात
Business News Update : अमेरिका को जारी रहेगा भारतीय सीफूड निर्यात

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को दी स्वीकृति, चीन, मैक्सिको व इक्वाडोर पर बैन का खतरा

Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारतीय मत्स्य निर्यात को राहत देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे अमेरिका के बाजारों के लिए हरी झंडी दे दी है। इतना ही नहीं भारतीय मछली व अन्य समुद्री उत्पादों की अमेरिकी बाजार में पहले से ज्यादा मांग बढ़ जाएगी। इसका कारण यह है कि एक तरफ जहां भारतीय उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार खुल गए हैं वहीं चीन, मैक्सिको व इक्वाडोर को अमेरिकी बाजार में बैन कर दिया गया है।

ज्ञात रहे कि अमेरिका द्वारा अस्त में भारी भरकम टैरिफ लागू करने के बाद से भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजारों में पहले की अपेक्षा बहुत कम मात्रा में पहुंच रहे हैं। को पहले से ज्यादा एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगा रखा है तो दूसरी ओर उसने भारत के सी फूड उद्योग को बड़ी राहत दी है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य सेवा ने भारत के सीफूड को हरी झंडी दे दी है। यानी भारत के सीफूड अमेरिकी बाजार में बिकने लिए खरे उतरे हैं। लेकिन वहीं, चीन, मैक्सिको और इक्वाडोर को मुंह की खानी पड़ी है। इन तीनों देशों के सीफूड को क्लीयरेंस नहीं पाया है। प्रतिद्वंद्वी चीन और मेक्सिको के सीफूड पर प्रतिबंध का खतरा मंडरा रहा है।

इन मापदंडों पर खरा उतरा भारत

अमेरिका निर्यातक देशों से यह दिखाने की अपेक्षा करता है कि उनके मछली पकड़ने के तरीके समुद्री स्तनधारियों को अमेरिकी मछुआरों के लिए अनुमत सीमा से अधिक नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। एनएमएफएस द्वारा भारतीय समुद्री निर्यात को मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब चीनी प्रसंस्करणकर्ता पुन: निर्यात के लिए भारतीय झींगा का उपयोग तेजी से कर रहे हैं। एनएमएफएस प्रमाणन भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी रहने की पृष्ठभूमि में आया है।

इस साल इतना रहा है सीफूड निर्यात

भारत ने वित्त वर्ष 2025 में 7.39 अरब डॉलर मूल्य का समुद्री खाद्य निर्यात किया, जिसमें से एक तिहाई से अधिक यानी 2.68 अरब डॉलर अमेरिका को गया। 50% के भारी टैरिफ के कारण, अमेरिका को भारतीय झींगा निर्यात वर्तमान में इक्वाडोर, वियतनाम और इंडोनेशिया के निर्यात की तुलना में कम प्रतिस्पर्धी है। इस घटनाक्रम से भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात, विशेष रूप से झींगा जलीय कृषि, जो अमेरिका को भारत का सबसे बड़ा निर्यात है, के लिए एक प्रमुख संभावित गैर-टैरिफ बाधा दूर हो गई है। टैरिफ संबंधी चुनौती तो बनी हुई है, लेकिन एमएमपीए के तहत भारत का अनुपालन एक जिम्मेदार और टिकाऊ समुद्री खाद्य निर्यातक के रूप में उसकी स्थिति को मजबूत करता है।

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