कहा, छोटे-मोटे सुधारों से भारत की अर्थव्यवस्था को नहीं मिलेगी गति
Business News Today (आज समाज), बिजनेस डेस्क : एक तरफ जहां भारत अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे उच्च स्तरीय टैरिफ का सामना कर रहा है। वहीं भारतीय वित्त मंत्रालय और भारत सरकार इस प्रयास में है कि देश की आर्थिक गति धीमी न पड़े। यह तय हो चुका है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारत के निर्यात को काफी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसी की क्षति पूर्ति के लिए पीएम मोदी ने जीएसटी दरों में संशोधन करने की बात कही है।
वहीं भारत सरकार के इस फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का बड़ा बयान सामने आया है। दरअसल रघुराम राजन ने भारत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनका मानना है कि भारत को नई पीढ़ी के सुधारों की जरूरत है। इन्हीं से बड़े आर्थिक विकास को रफ्तार दी जा सकती है। छोटे-मोटे बदलावों से वह रफ्तार नहीं मिलेगी जो भारत को चाहिए। राजन ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत में नौकरशाही बहुत ज्यादा है। यह निवेश को रोक रही है। इसे थोड़ा कम करने की जरूरत है।
लाल फीताशाही कम करने की जरूरत
राजन के अनुसार, भारत की नौकरशाही कुछ ज्यादा ही सक्रिय है। लाल फीताशाही को थोड़ा और कम करने की जरूरत है। राज्यों और केंद्र सरकार दोनों को इस पर काम करना होगा। राजन ने भारत की युवा आबादी को देश की सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम युवाओं को प्रशिक्षित कर सकें और उन्हें बेहतर कौशल दे सकें तो हमारे पास आगे बढ़ने के लिए जरूरी कच्चा माल है। वह बोले कि हमारे पास सत्य नडेला या जेवी राम कृष्ण या अभिजीत बनर्जी जैसे लोग हैं। लेकिन, हमें और ज्यादा भारतीयों को ऐसी शिक्षा देने की जरूरत है जो उन्हें इस तरह के करियर के लिए तैयार करे।
पीएम ने की थी लोगों से खास अपील
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवसियों से एक खास अपील करते हुए कहा है कि यदि भारतीय हैं तो भारत में बना सामान ही खरीदें। दिवाली पर भी वही सामान खरीदें, जो भारतीयों ने भारत में बनाया है। व्यापारी भी विदेशी सामान छोड़कर लोकल सामान बेचें।
इसलिए महत्व रखती है पीएम की अपील
पीएम का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर खींचतान चल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में रूस से तेल आयात को लेकर भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने का ऐलान किया है। 25% टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो चुका है, जबकि अतिरिक्त 25% टैरिफ 27 अगस्त से लागू करने का ऐलान किया गया है। ऐसे में प्रधानमंत्री के इस संदेश को स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और विदेशी दबाव के बीच मेड इन इंडिया को मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
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