PM Modi Breaking News : भारत और रूस कठिन परिस्थितियों में भी साथ खड़े : मोदी

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PM Modi Breaking News : भारत और रूस कठिन परिस्थितियों में भी साथ खड़े : मोदी
PM Modi Breaking News : भारत और रूस कठिन परिस्थितियों में भी साथ खड़े : मोदी

तियानजिन में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय बैठक जारी

PM Modi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली : चीन के तियानजिन में एससीओ समिट के बाद आज भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षी बैठक जारी है। इस बैठक को दोनों देशों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। एक तरफ जहां अमेरिका लगातार यह दबाव डाल रहा है कि भारत जल्द से जल्द रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दे वहीं वह रूस पर भी ऐसा ही दबाव बना रहा है।

इसी बीच दोनों शीर्ष नेताओं की बैठक से जो इनपुट सामने आया है उसमें भारतीय पीएम मोदी ने कहा ‘भारत और रूस हमेशा कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। हमारा घनिष्ठ सहयोग न केवल दोनों देशों की जनता के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा करते रहे हैं। हम शांति के लिए हाल के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेंगे।’

पुतिन को दिया शिखर सम्मेलन का न्योता

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि ‘मुझे हमेशा लगता है कि आपसे मिलना एक यादगार अनुभव रहा है। हमें कई विषयों पर जानकारी का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला है। हम निरंतर संपर्क में रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच नियमित रूप से कई उच्च-स्तरीय बैठकें हुई हैं। 140 करोड़ भारतीय इस वर्ष दिसंबर में होने वाले हमारे 23वें शिखर सम्मेलन के लिए आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी की गहराई और व्यापकता को दर्शाता है।’

यूक्रेन संकट पश्चिमी देशों द्वारा दिया हुआ

पुतिन ने कहा कि मैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी अलास्का बैठक के विवरण द्विपक्षीय बैठकों के दौरान नेताओं को बताऊंगा। उन्होंने मॉस्को के इस रुख को दोहराया कि यूक्रेन में संकट किसी आक्रमण के कारण नहीं, बल्कि यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों की ओर से समर्थित कीव में तख्तापलट के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अलास्का शिखर सम्मेलन में हुई सहमति यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करती है।

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