India-US Trade Deal : भारत और अमेरिका में इसी साल होगी ट्रेड डील : पीयूष गोयल

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India-US Trade Deal : भारत और अमेरिका में इसी साल होगी ट्रेड डील : पीयूष गोयल
India-US Trade Deal : भारत और अमेरिका में इसी साल होगी ट्रेड डील : पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा इसके नवंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद

India-US Trade Deal (आज समाज), बिजनेस डेस्क : सात अगस्त से भारत पर टैरिफ लागू करने के बाद अब वर्तमान में अमेरिका भारत से उसके उत्पादों के निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ ले रहा है। अमेरिकी राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों से भी लग रहा है कि अब अमेरिका किसी भी तरह से भारत को ढील देने के मूढ़ में नहीं है। वहीं दूसरी तरफ भारत अभी भी व्यापार समझौते को लेकर लगातार सकारात्मक माहौल में बातचीत आगे बढ़ने का दावा कर रहा है। यही कारण है कि भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही ट्रेड डील फाइनल हो जाएगी। गोयल ने उम्मीद जताई की यह डील इसी साल नवंबर तक होने की उम्मीद है।

व्यापार वार्ता को लेकर ये बोले गोयल

पियूष गोयल ने एक वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कहा मुझे उम्मीद है कि चीजें जल्द ही पटरी पर लौट आएंगी और हम नवंबर तक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप दे देंगे। फरवरी में दोनों देशों के नेताओं के बीच यही चर्चा हुई थी। उन्होंने एक अन्य कार्यक्रम में यह भी कहा कि भारत इस व्यापार समझौते के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है। हालांकि अभी तक, दोनों देशों में से किसी ने भी ट्रेड डील पर बातचीत के नए दौर की घोषणा नहीं की है। इससे पहले, बातचीत के लिए अमेरिकी डेलिगेशन का 25 अगस्त को नई दिल्ली का दौरा स्थगित हो गया था।

2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है लक्ष्य

फरवरी में वॉशिंगटन डीसी में मुलाकात के दौरान ट्रम्प और मोदी ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। फरवरी में वॉशिंगटन डीसी में मुलाकात के दौरान ट्रम्प और मोदी ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन वार्ता तब अटकी जब अमेरिका ने यह कहा कि वह चाहता है कि उसके डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर, घी को भारत में आयात की अनुमति मिले। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इस सेक्टर में करोड़ों छोटे किसान लगे हुए हैं।

भारत सरकार को डर है कि अगर अमेरिकी डेयरी उत्पाद भारत में आएंगे, तो वे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा धार्मिक भावना भी जुड़ी हुई हैं। अमेरिका में गायों को बेहतर पोषण के लिए जानवरों की हड्डियों से बने एंजाइम (जैसे रैनेट) को उनके खाने में मिलाया जाता है। भारत ऐसी गायों के दूध को नॉन वेज मिल्क यानी मांसाहारी दूध मानता है।

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