Skandamata Puja: संतान सुख से हैं वंचित है तो इस विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा

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Skandamata Puja: संतान सुख से हैं वंचित है तो इस विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा
Skandamata Puja: संतान सुख से हैं वंचित है तो इस विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा

जल्द भरेगी सूनी गोद
Skandamata Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: नवरात्र में माता रानी के 9 स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्र के पांचवे दिन स्कंदमाता के पूजन का विधान है। जो लोग संतान सुख से वंचित हैं, उन्हें इसे देवी की विशेष रूप से आरधना करनी चाहिए। जानिए नवरात्र के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की किस विधि से उपासना की जाए और कौन सा भोग लगाया जाए जिससे वह प्रसन्न हो।

स्कंदमाता का स्वरूप

मां स्कंदमाता की पूजा की बात करें तो इस देवी की चार भुजाएं हैं। ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से भगवान स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा वरदमुद्रा में है। नीचे वालीभुजा में कमल पुष्प है। इसलिए इन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्कंदमाता अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं। साथ ही माना गया है कि माता की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

स्कंदमाता का प्रिय भोग

नवरात्रि के नौ दिन अलग-अलग देवी को तरह-तरह का भोग लगाया जाता है। पांचवे दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं। इसके बाद इसको प्रसाद रूप में ग्रहण करें। इसे ग्रहण करने से संतान और स्वास्थ्य, दोनों की बाधाएं दूर होंगी। शास्त्रों में मां स्कंदमाता की महिमा बताई गई हैं।

इनकी उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है। इसलिए मन को एकाग्र और पवित्र रखकर इस देवी की आराधना करने वाले भक्त को भवसागर पार करने में कठिनाई नहीं आती है।

पूजा विधि

  • शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर वस्त्र धारण करें।
  • मंदिर की सफाई कर पूजा की शुरूआत करें। अब स्कंदमाता को चंदन, कुमकुम, फल, फूल समेत आदि चीजें अर्पित करें।
  • दीपक जलाकर आरती करें और स्कंदमाता के मंत्रों का जप करें। स्कंदमाता चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।
  • व्रत कथा का पाठ करें। केले और मिठाई का भोग लगाएं। मां से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।

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