प्रदर्शनी में गुरु नानक देव जी से बाबा बंदा बहादुर जी तक का इतिहास

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प्रदर्शनी में गुरु नानक देव जी से बाबा बंदा बहादुर जी तक का इतिहास
प्रदर्शनी में गुरु नानक देव जी से बाबा बंदा बहादुर जी तक का इतिहास

HEADLINES : 

  • हजारों की संगत के सामने 82गुना240 फीट का एग्जिबिशन हॉल भी छोटा
  • सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को डिस्प्ले पैनल से दिखाया गया
  • श्री गुरु नानक देव जी की पूरी प्रकाश यात्रा को भी दशार्या गया
  • विचारधाराएं दरकिनार, सभी पार्टियों के नेताओं ने की शिरकत

अनुरेखा लांबरा, पानीपत:
श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाशोत्सव के कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी में रविवार को देशभर से आए लाखों लोगों ने श्री गुरु नानक देव जी से लेकर बाबा बंदा बहादुर तक के इतिहास को देखा। इस प्रदर्शनी में सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान से जुड़ी गाथा को 100 से अधिक डिस्प्ले पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।

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संगत इतनी कि इंतजार करना पड़ा

प्रदर्शनी में गुरु नानक देव जी से बाबा बंदा बहादुर जी तक का इतिहास
प्रदर्शनी में गुरु नानक देव जी से बाबा बंदा बहादुर जी तक का इतिहास

शहर पानीपत के सेक्टर-13 व 17 में आयोजित इस प्रकाशोत्सव कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी में सन 1621 से लेकर 1675 तक श्री गुरु नानक देव जी की पूरी प्रकाश यात्रा को सूचना जनसंपर्क और भाषा विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी में दर्शाया गया। देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं का दिनभर इस प्रदर्शनी को देखने के लिए तांता लगा रहा। आलम यह था कि 82 बाई 240 फुट के इस विशाल वातानुकूलित एग्जिबिशन हाल भी छोटा पड़ गया। अधिक भीड़ के कारण श्रद्धालुओं को बाहर इंतजार करना पड़ा।

सभी समाज के लोगों ने की श्रद्धा से शिरकत

प्रदर्शनी में गुरु नानक देव जी से बाबा बंदा बहादुर जी तक का इतिहास
प्रदर्शनी में गुरु नानक देव जी से बाबा बंदा बहादुर जी तक का इतिहास

दुनिया के सर्व समाज के लोग इस प्रदर्शनी को देखने के लिए पहुंचे थे। विचारधाराओं को दरकिनार कर देश की सभी पार्टियों के नेताओं ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। श्री गुरु तेग बहादुर जी की पूरी जीवन यात्रा के दौरान उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को इस प्रदर्शनी में दिखाया गया था। इसमें  पंजाबी हिंदी तथा अंग्रेजी  तीनों भाषाओं में पैनल लगाए गए थे ताकि देश दुनिया के सभी नागरिक गुरु जी की प्रकाश यात्रा रूबरू हो।
स्कूल कॉलेजों से आई युवा पीढ़ी पैनल बोर्ड पर लिखी एक-एक लाइन को बड़े ही तल्लीनता के साथ पढ़ रही थी। पूरे दिन व्यवस्था देख रहे सेवक लोगों से आगे बढ़ते रहने का आह्वान करते रहे।

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गुरु साहिबान की शिक्षाओं की पुस्तकें भी थी प्रदर्शनी में

शहर पानीपत के सेक्टर-13-17 में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशोत्सव के कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी हाल में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब को समर्पित पुस्तक प्रदर्शनी लगाई। इसमें हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला की ओर से श्री गुरु तेग बहादुर जी और अन्य गुरु साहिबान के जीवन काल और शिक्षाओं से जुड़ी पुस्तकें भी थी।

हजारों श्रद्धालुओं को बांटा मुफ्त साहित्य

इसके अलावा पंजाबी साहित्य और संस्कृति से जुड़ी हुई पुस्तकों को भी प्रदर्शित किया गया। इस प्रदर्शनी में हजारों श्रद्धालुओं को मुफ्त में पुस्तकें दी गई। हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला के डिप्टी चेयरमैन गुरविंदर सिंह धमीजा की देखरेख में लगी इस प्रदर्शनी में आज दिन भर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही।

पहले भी नाटक मंचन में जुटी थी भीड़

हिंद दी चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाशोत्सव शुरू, देशभर से पहुंची संगत
हिंद दी चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाशोत्सव शुरू, देशभर से पहुंची संगत

गुरविंद्र धमीजा ने बताया कि अकादमी हरियाणा प्रदेश में पंजाबी के विकास के लिए पंजाबी कवि दरबार, साहित्य कार्यक्रम, साहित्यिक गोष्ठियां व नाटक मंचन इत्यादि कार्यक्रम समय-समय पर करवाती रहती है। पिछले दिनों पंचकूला में श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से संबंधित एक नाटक मंचन भी करवाया गया था, जिसमें काफी संख्या ने संगतों ने भाग लिया था। इस स्टाल पर जितेंद्र पाल सिंह, रघुवीर सिंह, गुरजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, सुशील कुमार, हरसिमरन सिंह, हरदयाल सिंह और प्रियांक चोपड़ा दिनभर अपनी सेवाएं देते रहे।

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