Gyanvapi Case: 1991 के मुकदमे को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका खारिज

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Gyanvapi Case: 1991 के मुकदमे को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका खारिज

District Court on Gyanvapi Case, (आज समाज), वाराणसी: उत्तर प्रदेश की वाराणसी जिला अदालत ने 1991 के मूल ज्ञानवापी मुकदमे को सिविल जज की अदालत से दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। याचिका मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्रा और रेणु पांडे ने दायर की थी। वे मूल मुकदमा दायर करने वाले वादियों में से एक दिवंगत हरिहर पांडे की बेटियां हैं। पांडे के दो बेटों ने भी मामले में पक्ष बनने के लिए वाराणसी की अदालत में आवेदन दिया था, लेकिन उनकी याचिका भी खारिज कर दी गई।

याचिकाकर्ता मूल मुकदमे के पक्षकार नहीं : न्यायाधीश 

मामले के पक्षकार अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने कहा, जिला न्यायाधीश जय प्रकाश तिवारी ने सोमवार को स्थानांतरण आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता मूल मुकदमे के पक्षकार नहीं थे और इस तरह के स्थानांतरण की मांग करने का उनके पास कोई कानूनी आधार नहीं है।

शनिवार को सुरक्षित रख लिया था आदेश

शंकर रस्तोगी के मुताबिक जिला जज ने शनिवार को मणिकुंतला, रेणू पांडे और नीलिमा मिश्रा सहित तीन महिलाओं द्वारा पेश किए गए इस स्थानांतरण आवेदन पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने कहा, ये तीन महिला आवेदक तीन वादियों में से एक दिवंगत हरिहर पांडे की बेटियां हैं।

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