Gyanvapi Case: जिला अदालत का फैसला, सार्वजनिक होगी सर्वे रिपोर्ट

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Gyanvapi Case
वाराणसी जिला अदालत का फैसला, सार्वजनिक होगी सर्वे रिपोर्ट

Aaj Samaj (आज समाज), Gyanvapi Case, वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी जिला अदालत ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मस्जिद परिसर की सीलबंद सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं, इस पर फैसला सुनाया। उन्होंने सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पहले ही रिपोर्ट अदालत में दाखिल की थी। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और सहमति बनी कि एएसआई की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को दी जाएगी।

  • दोनों पक्षों को दी जाएगी हार्ड कॉपी

एएसआई ने ई-मेल से रिपोर्ट देने पर जताई थी आपत्ति

एएसआई ई-मेल के जरिये रिपोर्ट देने पर आपत्ति जता रही थी, इसलिए दोनों पक्ष रिपोर्ट की हार्ड कॉपी प्राप्त करने पर सहमत हुए। नकल के लिए पक्षकार कोर्ट में आवेदन देंगे। मां शृंगार गौरी केस की वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की तरफ से सर्वे रिपोर्ट की प्रति दिए जाने का अनुरोध अदालत से किया गया था। वादिनी महिलाओं का कहना था कि यह जनहित का मुद्दा है और इसे गोपनीय बनाकर हौव्वा बनाया जा रहा है।

हिंदू पक्ष और  अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी

हिंदू पक्ष की ही एक अन्य वादिनी राखी सिंह का कहना था कि अदालत में दाखिल रिपोर्ट के अध्ययन का अधिकार वादी पक्ष को है। वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी का कहना है कि यदि सर्वे रिपोर्ट वादिनी महिलाओं को दी जाती है तो उन्हें भी उपलब्ध कराई जाए। बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के पास मौजूद है। एएसआई का कहना है कि जब तक प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मुकदमे में ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट की प्रति वह दाखिल न कर दे, तब तक उसे सार्वजनिक न किया जाए।

पहले फास्ट ट्रैक कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट

वर्ष 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मुकदमें में एएसआई ने बुधवार को पहले ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सफेद सीलबंद पैकेट में प्रशांत सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट में दाखिल की। एएसआई की तरफ से स्पेशल गवर्निंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव व शंभूशरण सिंह एएसआई अधिकारियों के साथ कोर्ट में पहुंचे थे। हालांकि यह रिपोर्ट 25 जनवरी को दाखिल होनी थी।

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