- नशा मुक्त अभियान के तहत पटौदी के अनेक गांवों और शैक्षणिक संस्थानों में हुए कार्यक्रम
- ब्रह्माकुमारीज एवं भारत सरकार के तत्वाधान में देशभर में चलाया जा रहा है अभियान
(Gurugram News) गुरुग्राम। ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर के द्वारा पटौदी तहसील के अनेक गांवों एवं शैक्षणिक संस्थानों में नशा मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम हुआ। भारत सरकार एवं ब्रह्माकुमारीज के तत्वाधान में आयोजित अभियान के तहत लोगों को नशे से होने वाले नुकसान की जानकारी दी गई। ओआरसी के डॉ. दुर्गेश ने कहा कि कमजोर मन का व्यक्ति ही नशा करता है।
उन्होंने कहा कि कई बार तो लोग शौक से नशा करते हैं। लेकिन फिर उसकी आदत पड़ जाती है। नशा सभी बीमारियों को दावत देता है। नशे का एक कारण मानसिक तनाव भी है। तनाव के कारण मानव नशे का सहारा लेता है। नशा मुक्त होने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति जरूरी है।
नशा मुक्त होने के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण जरूरी
बीके रेखा ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नशा मुक्त होने के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण जरूरी है। आध्यात्मिक मूल्य ही मनुष्य जीवन का श्रृंगार है। असली आनंद नशे में नहीं बल्कि आत्मा में निहित है। अभियान में लोगों को नशा मुक्ति की प्रतिज्ञा भी कराई है। शैक्षणिक संस्थानों में बीके पारुल ने छात्रों को मूल्यों के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि बचपन से हमारी जो आदत बन जाती है, वही ताउम्र रहती है।
हमारे संस्कारों की नींव बचपन से ही पढ़ जाती है। अभियान का रॉयल पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, मैत्री पब्लिक स्कूल, श्रीराम पब्लिक स्कूल, राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, एस. एस. सी. एकेडमी, सरस्वती पब्लिक स्कूल, उमा भारती पब्लिक स्कूल एवं अन्य कई शिक्षण संस्थाओं के छात्रों ने लाभ लिया। पटौदी तहसील के अंतर्गत भोराकलां, चैनपुरा, सिद्धरावली, नानुकला, बस्तपुर, खोड़, हेड़ीहेड़ा, खानपुर, बिनोला, बांसपदमका, मुमताजपुर, घोषगढ़ एवं सिद्रावली जैसे अन्य कई गांवों के लोगों ने नशा मुक्त होने की प्रतिज्ञा की। अभियान में प्रमुख रूप से संस्था के बीके जयप्रकाश, डॉ. दुर्गेश, बीके रेखा, बीके पारुल, बीके मनामी, बीके संजय, बीके धर्मा, बीके रूप लाल, बीके जयवीर, बीके सतीश एवं अन्य कई लोगों का सहयोग रहा।
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