GST Council Meeting : कल से शुरू होगी जीएसटी काउंसिल की बैठक

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GST Council Meeting : कल से शुरू होगी जीएसटी काउंसिल की बैठक
GST Council Meeting : कल से शुरू होगी जीएसटी काउंसिल की बैठक

देश की वित्त मंत्री करेंगी बैठक की अध्यक्षता, जीएसटी दरों में बदलाव की पूरी संभावना

GST Council Meeting (आज समाज), बिजनेस डेस्क : जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक कल से शुरू होगी। इस बार यह बैठक काफी ज्यादा खास बन चुकी है। क्योंकि पूरे देश के लोगों को उम्मीद है कि कल से शुरू होने वाली बैठक में जीएसटी की दरों में बदलाव किया जाएगा और लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिलेगी।

आपको बता दें कि इस साल लोगों और उद्योगपतियों को उस समय इस संबंधी उम्मीद जगी थी जब पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीन से देश के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए जीएसटी दरों में बदलाव की घोषणा की थी। आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 56वीं मीटिंग 3 से 4 सितंबर तक नई दिल्ली में होगी। जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी दरों के प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

जीएसटी के चार की जगह दो स्लैब रह जाएंगे

केंद्र सरकार जीएसटी के मौजूदा स्ट्रक्चर को सरल करने के लिए दो स्लैब 5% और 18% लागू करने का प्रस्ताव ला रही है। वहीं लग्जरी आइटम्स 40% के दायरे में आएंगे। अभी जीएसटी के 4 स्लैब- 5%, 12%, 18%, और 28% हैं। नई टैक्स दरें 22 सितंबर से लागू हो सकती हैं। ताकि नवरात्रि के त्योहारी सीजन में कई सेक्टरों में डिमांड और सेल्स में तेजी आ सके। वहीं काउंसिल के फैसले के बाद 5 से 7 दिनों के भीतर आॅफिशियल नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है।

मंत्री समूह से मिल चुकी है मंजूरी

जीएसटी दरों में बदलाव संबंधी एक अहम बैठक में पिछले हफ्ते ग्रुप आॅफ मिनिस्टर्स ने केंद्र सरकार के दो स्लैब वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 21 अगस्त को बताया था कि ग्रुप ने मौजूदा 12% और 28% की दरों को हटाकर 5% और 18% के स्ट्रक्चर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नई दरों से कंज्यूमर गुड्स की कीमतों में कमी आने की संभावना है। जिससे त्योहारी सीजन में खरीदारी को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, राज्यों को राजस्व में कमी की चिंता है, जिसे केंद्र सरकार कई उपायों से हल करने की कोशिश कर रही है। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। जिसके बाद देश में एक सिंपल एंड कंज्यूमर फ्रेंडली टैक्स सिस्टम लागू हो सकता है।

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