छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पुलिस ने संयुक्त रूप से 14 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था
Chhattisgarh Crime News (आज समाज), बालाघाट : प्रदेश सरकार की सख्ती मान लें या फिर अपील का असर। प्रदेश में नक्सल प्रभावित एरिया में हालात लगातार बदल रहे हैं और नक्सली मूवमेंट में शामिल लोग पुलिस के सामने हथियार डाल रहे हैं। ऐसी ही बड़ी सफलता बालाघाट जिले में उस समय पुलिस को मिली जब नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में पहली बार किसी महिला नक्सली ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। बड़ी बात यह है कि जिस महिला नक्सली ने हथियार डाले हैं वह तीन राज्यों मे वांछित थी और उसपर कुल मिलाकर तीनों राज्यों की पुलिस ने 14 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया हुआ था।
पिछले चार दशक से नक्सल से जूझ रहा बालाघाट जिला
नक्सली गतिविधियों से चार दशक से अधिक समय से जूझ रहे इस जिले के लिए यह एक अहम घटना मानी जा रही है। महिला नक्सली सुनीता (23), निवासी विरमन, इंद्रावती क्षेत्र जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़) की ही रहने वाली है और उसने 1 नवंबर को हॉकफोर्स के चौरिया कैंप में आत्मसमर्पण किया। उसने हॉकफोर्स के सहायक सेनानी रूपेंद्र धुर्वे के समक्ष अपने हथियार सौंपे। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सुनीता माओवादी संगठन के एमएमसी जोन प्रभारी और सेंट्रल कमेटी सदस्य (सीसीएम) रामदेर की हथियारबंद गार्ड के रूप में कार्यरत थी। आत्मसमर्पण के दौरान उसने इंसास राइफल, तीन मैगजीन, पिट्ठू बैग और वर्दी पुलिस को सौंपी।
प्रतिबंधित संगठन की केंद्रीय समिति की सदस्य थी महिला
इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुनीता प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) केंद्रीय समिति की सदस्य और एनएमसी जोन प्रभारी रामदर की सशस्त्र सुरक्षा गार्ड थी। उस पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पुलिस ने संयुक्त रूप से 14 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। वह छत्तीसगढ़ के बीजापुर तहसील के भैरमगढ़ के गोमवेटा की निवासी है। उन्होंने बताया कि इंसास राइफल रखने वाली सुनीता मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के गोंदिया और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सक्रिय थी। अधिकारी ने बताया कि वह 2022 से गैरकानूनी आंदोलन से जुड़ी हुई थी और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के मढ़ इलाके में प्रशिक्षण ले रही थी।
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