बेहतर उत्पादन से मोटा मुनाफा कमा सकते है किसान
Tomato Cultivation, (आज समाज), नई दिल्ली: रबी सीजन वाली फसलों में सब्जियों की खेती भी बड़े पैमाने में की जाती है। अगर आप नकदी फसलों की खेती करने जा रहे हैं तो टमाटर की खेती करना फायदेमंद हो सकता है। टमाटर से कई फूड आयटम बनाए जाते हैं जिसके चलते इसकी भारी डिमांड रहती है। टमाटर उगाने वाले किसानों को पता है कि कई बार उन्हें घाटा भी उठाना पड़ता है, आपको बता दें कि टमाटर की खेती से कमाई हमेशा उसकी गुणवत्ता पर निर्भर होती है। अगर टमाटर का आकार सही नहीं है, रंग सही नहीं है और स्वाद सही नहीं है तो उसकी बिक्री में कमी आती है जिससे मांग भी गिरती है और किसान को नुकसान उठाना पड़ता है, इसलिए किसानों को खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
टमाटर की खेती में ना करें ये गलती
टमाटर की खेती में छोटी-छोटी गलतियां बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं। कई बार किसान बीजों को बिना उपचार किए ही बो देते हैं, जिससे रोग फैलते हैं। खेत की उचित जुताई और जल निकासी का ध्यान ना रखना भी नुकसान का कारण बनता है, क्योंकि ज्यादा नमी से पौधों में सड़न होती है। अधिक रासायनिक खाद देने से फूल झड़ जाते हैं और फल छोटे रह जाते हैं। कई बार तापमान बहुत कम होने पर भी रबी वाले टमाटर के पौधों को नुकसान होता है।
टमाटर की गुणवत्ता सुधारने के उपाय
- टमाटर की उच्च गुणवत्ता और अधिक उत्पादन के लिए सही देखभाल जरूरी है। सबसे पहले रोगमुक्त और प्रमाणित बीजों का चयन करें। इसकी खेती के लिए मिट्टी का स्रऌ मान 6.0 से 7.0 के बीच होना अच्छा माना जाता है। खेत की गहरी जुताई करके जैविक खाद या सड़ी गोबर की खाद मिलाएं। रोपाई के बाद पौधों को पर्याप्त धूप और नियंत्रित सिंचाई दें, अधिक पानी से जड़ें सड़ सकती हैं इसलिए जब नमी सूखने लगे तभी खाद दें।
- संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का प्रयोग करें। पौधों में फूल आने के समय बोरोन और कैल्शियम का छिड़काव करने से फल मजबूत और चमकदार बनते हैं। रोग और कीट नियंत्रण के लिए नीम तेल या जैविक दवाओं का उपयोग करना अच्छा माना जाता है। समय पर तुड़ाई करने से टमाटर का रंग, आकार और स्वाद बेहतर रहता है, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।
आधुनिक तरीके का उपयोग करें
टमाटर की खेती करने वाले किसानों को मल्चिंग विधि अपनानी चाहिए, इससे पौधों के आसपास खरपतवार नहीं उगेंगे जिससे पौधों को बेहतर ग्रोथ मिलेगी। इसके अलावा पानी की भी बचत होती है, मल्चिंग विधि से पौधे को जरूरत के अनुसार ही पानी देने की जरूरत होती है, मल्च टमाटर के खेत में बहुत बड़ा रोल प्ले कर सकता है।


