(Faridabad News) पृथला। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के क्षेत्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र फरीदाबाद क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र (सीआईपीएमसी) क्षेत्रीय हेड एवं उपनिदेशक, डॉ. वंदना पांडेय के निर्देशन में जिला कृषि विभाग के सहयोग से कपास की फसलों का जिला के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया जिसमे ग्राम धानी मोहब्बत पुर के किसान बलवान सिंह ने अगेती कपास लगाई थी और उनके एक ही खेत में गुलाबी सुंडी का प्रकोप मिला तथा अन्य खेती में गुलाबी सुंडी का प्रकोप नहीं पाया गया।
इस संबंध में किसान भाइयों को कपास में लगने वाले कीट एवं व्याधि से निपटने के यांत्रिक एवं बायो पेस्टीसाइड उपायों की जानकारी प्रदान दी गई। जहां किसानों को सलाह दी कि फसल के शुरुआती दौर में एक खेत में कीटों की निगरानी/रोकथाम के लिए कम से कम 2 फेरोमन ट्रैप और कपास का इस्तेमाल करे। सर्वेक्षण के दौरान किसानों को एन पी एस एस मोबाइल ऐप.राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली, मोबाइल ऐप के उपयोग के बारे में जानकारी भी दी।
खेत के आसपास कपास की पुराने अवशेषों को मिट्टी में दबा दे या पॉलीथीन से ढक दे
जिससे किसान ऐप के माध्यम से अपनी फसल में लगने वाले कीट एवं व्याधि की जानकारी और इस ही द्वारा तत्काल प्राप्त होगी और अनावश्यक केमिकल पेस्टिसाइड का इस्तेमाल रोका जा सके ओर यह भी सुनिश्चित करें कि खेत के आसपास कपास की पुराने अवशेषों को मिट्टी में दबा दे या पॉलीथीन से ढक दे।
इस संयुक्त सर्वेक्षण के दौरान टीम में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आरसीआईपीएमसी, फरीदाबाद से लक्ष्मीकांत, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी, केपी शर्मा, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी और सूरज बरनवाल सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारियों एवं हरियाणा राज्य सरकार के जिला कृषि विभाग के अधिकारियों को भी सूचना दे दी गई एवं सर्वे के दौरान ग्राम के अन्य गणमान्य किसान उपस्थित रहे।
यह भी पढ़े : Faridabad News : नशे की लत मौत का खत, नशा से होती है दुर्दशा : डॉ अशोक