Editorial Aaj Samaj: रूस में भूकंप के बाद जापान और अमेरिका तक सुनामी का खतरा

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Editorial Aaj Samaj: रूस में भूकंप के बाद जापान और अमेरिका तक सुनामी का खतरा

संपादकीय, (Editorial Aaj Samaj), नई दिल्ली: रूस के भूकंप का असर जापान तक पहुंच गया है। साल 2011 में जब जापान में 9 तीव्रता का भूकंप आया था, तब फुकुशिमा में बड़ा परमाणु हादसा हुआ था। अमेरिका ने अलास्का और हवाई में सुनामी की चेतावनी जारी की है। वहीं, गुआम और माइक्रोनेशिया के द्वीपों को सुनामी वॉच पर रखा गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सुनामी चेतावनियों को लेकर सतर्क रहने की अपील की है।

चीन सहित इन देशों तक चेतावनियां जारी

चीन, फिलीपींस, इंडोनेशिया, गुआम, पेरू और इक्वाडोर के पास स्थित गैलापागोस द्वीपों के कुछ हिस्सों में भी विभिन्न स्तरों की सुनामी चेतावनियां जारी की गई हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हवाई से फिलहाल सुनामी का असर दूर है, लेकिन लोगों ने इलाके से बाहर निकलना शुरू कर दिया है।

सीमित होगा प्रभाव, विनाशकारी नहीं : विशेषज्ञ

विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि हवाई में सुनामी आती है, तो इसका प्रभाव सीमित होगा और यह विनाशकारी नहीं होगा। रूस में भूकंप के बाद जापान के होक्काइडो प्रांत में पहली सुनामी लहरें दर्ज की गई हैं, जिनकी ऊंचाई लगभग 40 सेंटीमीटर थी। यह इलाका रूस की पूर्वी सीमा के निकट स्थित है। एहतियातन जापान के फुकुशिमा दाइची और फुकुशिमा दाइनी न्यूक्लियर प्लांट को खाली करा लिया गया है, ताकि किसी तरह का हादसा न हो। इन प्लांटों में परमाणु मलबा मौजूद होने के कारण गंभीर रेडिएशन का खतरा हो सकता है।

जापान में लोगों को सेफ जगह जाने की सलाह

जापान के कई इलाकों में लोगों को ऊंचाई वाली जगहों पर जाने और समुद्र तटों से दूर रहने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने तटीय क्षेत्रों को खाली करने का निर्देश जारी किया है। समुद्र में उठी कई मीटर ऊंची लहरों को सुनामी कहा जाता है। जब समुद्र के भीतर अचानक बड़ी और तेज हलचल होती है, तो पानी में उफान आने लगता है। इससे लंबी और ऊंची लहरों का एक रेला बनता है, जो जबरदस्त गति से तट की ओर बढ़ता है। इन्हीं लहरों के इस समूह को सुनामी कहा जाता है।

जापानी भाषा से आया है सुनामी

‘सुनामी’ शब्द जापानी भाषा से आया है। इसमें ‘सू’ का अर्थ है ‘समुद्र तट’ और ‘नामी’ का मतलब है ‘लहरें’। पहले सुनामी को समुद्र में आने वाले सामान्य ज्वार-भाटे जैसा माना जाता था, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, सामान्य समुद्री लहरें चंद्रमा, सूर्य और अन्य ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से बनती हैं। जबकि सुनामी लहरें भूगर्भीय हलचलों, जैसे भूकंप, समुद्र के भीतर ज्वालामुखी विस्फोट या जमीन खिसकने की वजह से उत्पन्न होती हैं। ये लहरें सामान्य लहरों से कहीं अधिक तेज और विनाशकारी होती हैं।

सुनामी लहरों के पैदा होने के पीछे हो सकते हैं कई कारण

सुनामी लहरों के उत्पन्न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे प्रभावी कारण होता है भूकंप। इसके अलावा, समुद्र की जमीन धंसने, ज्वालामुखी फटने, किसी बड़े विस्फोट या कभी-कभी उल्कापात के प्रभाव से भी सुनामी लहरें उठ सकती हैं। सुनामी लहरें समुद्री तटों पर तेजी से टकराती हैं और बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान कर सकती हैं।

सुनामी के समय और स्थान का पहले से अंदाजा मुश्किल

जैसे वैज्ञानिक भूकंप की सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकते, वैसे ही सुनामी के समय और स्थान का भी पहले से अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। हालांकि, अब तक के रिकॉर्ड और महाद्वीपों की स्थितियों के आधार पर वैज्ञानिक कुछ संभावनाएं जरूर व्यक्त करते हैं। धरती की टेक्टॉनिक प्लेट्स जहां-तहां मिलती हैं, उनके आसपास के समुद्री क्षेत्र सुनामी के लिए अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।

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