
EC Press Conference News, नई दिल्ली: बिहार में चुनाव आयोग (ईसी) के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के आरोपों के जवाब में ईसी ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस की।
मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) ने दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दो टूक कहा कि ईसी के लिए पक्ष अथवा विपक्ष कोई नहीं होता है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी बड़ा हमला बोला और उनके आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया।
ईसी किसी पार्टी के साथ नहीं करता भेदभाव : ज्ञानेश कुमार

ज्ञानेश कुमार ने कहा, कानून के मुताबिक देश की हर राजनीतिक पार्टी ईसी में पंजीकरण होने के बाद बनती है तो ऐसे में चुनाव आयोग समान दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? उन्होंने कहा, भले कोई राजनीतिक पार्टी हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे न कभी हटा है और न कभी हटेगा। उसके लिए सभी समान हैं। न कोई पक्ष है और न ही कोई विपक्ष पक्ष।
हर नागरिक को मतदाता बने और वोट करे
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि 18 वर्ष की उम्र के हर नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और वोट डालना चाहिए। उन्होंने कहा, बीते कई वर्ष से तकरीबन सभी राजनीतिक पार्टियां वोटर लिस्ट में खामियां सुधारने की मांग कर रही हैं और इसी कारण ईसी की ओर से बिहार से एसआईआर शुरू किया गया है। इस प्रक्रिया में सभी बूथ स्तर के अफसरों, वोटरों व राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख बीएलए ने मिलकर एक मसौदा लिस्ट बनाई है।
इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में कैसे हो सकता है वोट चोरी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एक करोड़ से अधिक कर्मी और 10 लाख से अधिक बूथ स्थर एजेंट काम करते हैं। यही नहीं, प्रत्याशियों के 20 लाख से ज्यादा पोलिंग एजेंट मौके पर कार्यरत रहते हैं। ऐसी पारदर्शी प्रक्रिया में कोई मतदाता वोट कैसे चुरा सकता है। ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में जब से मसौदा सूची बनाई जा रही थी, तभी से इसे सभी राजनीतिक पार्टियों के बीएलए से दस्तखत करवाकर सत्यापित करवाया गया है।
पीपीटी दिखाने से झूठ सत्य नहीं हो जाता : सीईसी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए ज्ञानेश कुमार ने कहा, केवल पीपीटी दिखाने से झूठ सत्य नहीं हो जाता। पीपीटी में ईसी के आंकड़े नहीं हैं फिर कैसे झूठ सच हो सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल को चेतावनी दी कि झूठे आरोपों के लिए वह ऐफिडेविट दें अथवा देश से माफी मांगें? इसके अलावा तीसरा उनके पास कोई रास्ता नहीं है। सीईसी ने कहा, अगर 7 दिन में ऐफिडेविट नहीं दिया तो आरोपों को निराधार मान लिया जाएगा।
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