Dhanu Sankranti: धनु संक्रांति पर करें ये उपाय, सूर्य देव होंगे खुश

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Dhanu Sankranti: धनु संक्रांति पर करें ये उपाय, सूर्य देव होंगे खुश
Dhanu Sankranti: धनु संक्रांति पर करें ये उपाय, सूर्य देव होंगे खुश

16 दिसंबर को सूर्य देव धनु राशि में करेंगे प्रवेश
Dhanu Sankranti, (आज समाज), नई दिल्ली: धनु संक्रांति हिन्दू धर्म का वह महत्वपूर्ण समय माना गया है जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश कर धरती पर नई उर्जा और प्रकाश का संचार करते हैं। पंचांग के अनुसार, साल 2025 में यह शुभ परिवर्तन 16 दिसंबर को रहा है। प्राचीन मान्यताओं में इस दिन को पुण्यकाल कहा गया है, क्योंकि वातावरण शांत, सात्विक और साधना के लिए बहुत ही अनुकूल माना जाता है।

इस अवधि में की गई पूजा, दान, जप और ध्यान कई गुना फल देते हैं और जीवन में संतुलन, उन्नति और सकारात्मकता लाते हैं। इसी कारण धनु संक्रांति को शुभ कर्मों के आरंभ और आध्यात्मिक उन्नति का श्रेष्ठ अवसर बताया गया है।

पवित्र उर्जा का संचार

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनु संक्रांति का समय वह अवधि मानी जाती है जब प्रकृति की उर्जा बहुत शांत और पवित्र होती है। इस समय मन से आलस्य और नकारात्मकता कम होती है, और जीवन में तेज, संतुलन और अच्छा भाव बढ़ता है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, जप, ध्यान और सूर्योदय के दर्शन मन को हल्का करते हैं और बुद्धि को साफ बनाते हैं।

इस अवधि में की गई पूजा और साधना कई गुना फल देती है और व्यक्ति के भीतर सकारात्मकता बढ़ती है। प्राचीन ग्रंथों में धनु संक्रांति को ऐसा समय बताया गया है जब वातावरण में सकारात्मक उर्जा बढ़ती है और पुण्य कमाने के कई अवसर स्वाभाविक रूप से खुलते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें

धनु संक्रांति पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान को अत्यंत शुभ माना गया है। नदी, तालाब या घर पर सामान्य जल से स्नान करते समय सूर्य देव का ध्यान करने से मन पवित्र होता है, थकान दूर होती है और दिनभर के लिए सकारात्मक उर्जा मिलती है। यह समय आध्यात्मिक साधना के लिए भी श्रेष्ठ माना जाता है।

सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें

स्नान के बाद तांबे के पात्र में जल भरकर लाल फूल, अक्षत और थोड़ा गुड़ मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। यह कर्म उन्नति के मार्ग खोलता है और जीवन की अड़चनें कम करता है। ॐ सूर्याय नम: का जप मन को स्थिर करता है और शुभ फल प्रदान करता है।

तिल और गुड़ का दान करें

धनु संक्रांति पर तिल और गुड़ का दान अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। काला तिल, मिठाई, कंबल, वस्त्र और भोजन का दान करने से पितरों की कृपा मिलती है और परिवार में शांति बनी रहती है। यह दिन जरूरतमंदों की सहायता कर उत्तम फल प्राप्त करने का शुभ अवसर माना जाता है।

पूजा स्थान की शुद्धि

सुबह पूजा स्थान को साफ करके दीप जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। सूर्य देव और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से घर में सात्विक उर्जा बढ़ती है। यह साधना मन को शांत करती है और वातावरण में सकारात्मकता लाती है, जिससे दिनभर अच्छा अनुभव प्राप्त होता है।

सात्विक भोजन और संयम

इस दिन मन और व्यवहार में संयम रखने की सलाह दी जाती है। क्रोध, विवाद और कठोर वचन से दूर रहकर सात्विक भोजन ग्रहण करना अत्यंत शुभ है। सरल और शांत आचरण से पुण्यफल बढ़ता है और मन में हल्कापन, संतुलन और अच्छा भाव बना रहता है।

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