Pitru Paksha Upaay: पितृपक्ष में रात के समय करें ये उपाय, जीवन के सभी कष्टों का होगा अंत

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Pitru Paksha Upaay: पितृपक्ष में रात के समय करें ये उपाय, जीवन के सभी कष्टों का होगा अंत
Pitru Paksha Upaay: पितृपक्ष में रात के समय करें ये उपाय, जीवन के सभी कष्टों का होगा अंत

आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में
Pitru Paksha Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। यह पितरों को समर्पित है। 15 दिनों की ये अवधि हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखती है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे अनुष्ठान करने से उन्हें मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में पितृ धरती पर आते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं। वहीं, पितृ पक्ष में रात के समय को लेकर कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से सभी कष्टों का अंत होता हैं, आइए उन उपाय के बारे में जानते हैं।

ये विशेष उपाय करें

  • पीपल के नीचे दीपक जलाएं: पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। माना जाता है कि पीपल के पेड़ में पितरों का वास होता है। ऐसे में रात के समय, खासकर सर्व पितृ अमावस्या की रात, पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जरूर जलाएं। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • दक्षिण दिशा में दीपक रखें: कहते हैं कि घर की दक्षिण दिशा में पितरों का वास होता है। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान रोजाना घर की दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाकर रखें। इस दीपक में सरसों का तेल डालें और इसे पितरों को समर्पित करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • कौए और कुत्तों को भोजन कराएं: रात में भोजन करने से पहले, एक थाली में पितरों के लिए भोजन निकालें और इसे कौए या कुत्तों को खिला दें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ इन रूपों में भोजन ग्रहण करते हैं। ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और घर में अन्न की कमी नहीं होती है।
  • पितरों का ध्यान करें: रात को सोने से पहले, शांत मन से अपने पितरों का ध्यान करें। उनके नाम का जाप करें और उनसे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें। इसके साथ ही उनसे अपने जीवन में सुख-शांति बनाए रखने का आशीर्वाद मांगें। यह एक बहुत ही आसान लेकिन शक्तिशाली उपाय है।

इन बातों का भी रखे ध्यान

पितृ पक्ष के दौरान जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियां जैसे अरबी, गाजर, मूली, शलजम, सूरन, शकरकंद और चुकंदर नहीं खानी चाहिए, क्योंकि इन्हें तामसिक (भारी) माना जाता है और पितृ इसे ग्रहण नहीं करते। इसके अलावा, पत्ता गोभी और कुम्हड़ा (पेठे वाला) को भी वर्जित माना गया है, क्योंकि यह पितरों को रुष्ट कर सकता है।

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