बेहद फलदायी माना जाता है एकादशी व्रत
Devuthani Ekadashi, (आज समाज), नई दिल्ली: सनातन धर्म में एकादशी व्रत को बेहद फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी का व्रत और सही समय पर पारण करने से साधकों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में 01 नवंबर 2025 यानी की आज देवउठनी एकादशी व्रत किया जाएगा।
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की आखिरी एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी तिथि की शुरूआत 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगी और समापन 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में 01 नवंबर यानी की आज देवउठनी एकादशी व्रत किया जाएगा।
व्रत पारण टाइम
देवउठनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। इस बार इस एकादशी व्रत का पारण 02 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन दोपहर 01 बजकर 11 मिनट से लेकर शाम 03 बजकर 23 मिनट के बीच व्रत का पारण कर सकते हैं।
व्रत पारण विधि
द्वादशी तिथि पर सुबह स्नान करने के बाद घर और मंदिर की सफाई करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। विष्णु चालीसा और मंत्रों का जप करें। सात्विक भोजन का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें और स्वयं भी ग्रहण करें।
इन बातों का रखें खास ध्यान
- एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- किसी से वाद-विवाद न करें।
- काले रंग के कपड़े धारण न करें।
- किसी के बारे में गलत न सोचें।
- घर और मंदिर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
करें इन चीजों का दान
अगर आप भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो देवउठनी एकादशी के दिन सुबह पूजा-अर्चना करें। इसके बाद मंदिर या गरीब लोगों में अन्न, धन और पीली चीजों का दान करें। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि एकादशी के दिन इन चीजों का दान करने से धन लाभ का योग बनता है और प्रभु की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं।
विष्णु जी के प्रिय भोग
- धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को गुड़ एवं चने की दाल का भोग लगाएं। इससे वह प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं।
- देवउठनी एकादशी पर आप दूध, दही, शहद, चीनी और घी से पंचामृत बनाएं। फिर पूजा में भगवान विष्णु को इसका भोग लगाएं। इससे सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती हैं।
- विष्णु जी को पंजीरी का भोग अति प्रिय हैं। आप धनिया और सूखे मेवों से इसे बनाकर प्रभु को अर्पित करें। इसमें तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें। मान्यता है कि इससे लंबे समय से अटके काम पूरे और सभी ग्रह-दोषों से मुक्ति मिलती हैं।


