Delhi News : जनता के साथ अधिकारी का व्यवहार ही सरकार की असली पहचान होती है : मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

0
54
Delhi News : जनता के साथ अधिकारी का व्यवहार ही सरकार की असली पहचान होती है : मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
Delhi News : जनता के साथ अधिकारी का व्यवहार ही सरकार की असली पहचान होती है : मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
  • सीएम रेखा गुप्ता की पहल पर तहसीलदारों व सब-रजिस्ट्रारों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ शुरू
  • सरकारी तंत्र में ऊर्जा, अनुशासन और पारदर्शिता लाने पर मुख्यमंत्री ने दिया जोर

Delhi News | आज समाज नेटवर्क | नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि आमजन की समस्याओं के प्रभावी समाधान के लिए दिल्ली सरकार डिजिटलीकरण को मजबूत करने, पारदर्शिता बढ़ाने, कार्यालयों को आधुनिक बनाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार का उद्देश्य है कि दिल्ली का हर नागरिक बिना किसी भेदभाव, भय या परेशानी से राजस्व सेवाओं का लाभ उठा सके।

मुख्यमंत्री ने यह विचार आज राजस्व विभाग के तहसीलदारों और सब-रजिस्ट्रारों के लिए आयोजित दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यक्त किए। इसका आयोजन यमुनापार स्थित विश्वास नगर के यूटीएससी आॅडिटोरियम में किया गया था। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्यमंत्री के सुझाव पर शुरू की गई पहली और अनोखी पहल है।

यह पहल अधिकारियों को सक्षम बनाएगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में अन्य राज्यों की तरह तहसीलदार और सब-रजिस्ट्रार के लिए एक्स केडर की व्यवस्था नहीं है। इसलिए नई नियुक्ति पर आने वाले अधिकारियों के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। यह प्रशिक्षण उन्हें न केवल अपने कार्य की जटिलताओं को समझने में सक्षम बनाएगा, बल्कि आम नागरिकों के जीवन को सरल बनाने और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने तहसीलदारों और सब-रजिस्ट्रारों को कहा कि इस कार्यक्रम में उन्हें ह्यक्या करना हैह्ण के साथ साथ ह्यक्या नहीं करना हैह्ण भी सिखाया जाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री बिपुल पाठक, डिविजनल कमिश्नर श्री नीरज सेमवाल, डीएम सहित सम्बंधित विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें आधुनिक प्रशासनिक सोच, पारदर्शिता, संवेदनशीलता और जनसेवा की भावना को भी केंद्र में रखा गया है।

नकारात्मक छवि दूर करना जरूरी

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकारी दफ्तर जनता की सेवा के केंद्र होते हैं, और आम नागरिक अधिकारियों के व्यवहार और कार्यशैली के माध्यम से ही सरकार की छवि का मूल्यांकन करता है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यालयों को ऊर्जा, अनुशासन और संवेदनशीलता से भरपूर बनाएं ताकि जब कोई नागरिक समस्या लेकर अधिकारी के पास आए, तो उसे यह महसूस हो कि उसकी बात को गंभीरता से सुना जा रहा है और अधिकारी कानून के दायरे में रहकर समाधान खोजने के लिए ईमानदारी से प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि जनता के साथ अधिकारी का व्यवहार ही सरकार की असली पहचान होती है। इसलिए हर अधिकारी को अपनी भूमिका को जिम्मेदारी, समर्पण और ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए ताकि जनता का विश्वास बना रहे और सरकार की छवि सकारात्मक बने।

मुख्यमंत्री के अनुसार अब वह समय आ गया है जब सरकारी तंत्र की नकारात्मक छवि को पूरी तरह दूर किया जाना चाहिए, जिसमें फाइलों में अनावश्यक देरी, प्रशासनिक अव्यवस्था और कार्यालयों की अस्वच्छता जैसी समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण स्थिति की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जिसमें बढ़ता हुआ कार्यभार, दलालों की दखलंदाजी, धोखाधड़ी वाले दस्तावेज और स्टाम्प शुल्क में गड़बड़ी जैसी समस्याएं प्रमुख हैं।

राजस्व विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री ने राजस्व और पंजीकरण विभाग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह विभाग सरकार का सीधा और सार्वजनिक चेहरा है। भूमि, स्वामित्व और राजस्व जैसे विषय अत्यंत संवेदनशील होते हैं, इसलिए इनसे जुड़ी प्रक्रियाओं में जनता का विश्वास बनाए रखना बेहद जरूरी है। अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति हमेशा सही हो, यह जरूरी नहीं और हर व्यक्ति गलत हो, यह भी आवश्यक नहीं।

ऐसे में विवेक, संवेदनशीलता और निष्पक्षता के साथ ही उचित निर्णय लेना जरूरी है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे अपने आचरण और कार्यशैली के माध्यम से जनता का विश्वास अर्जित करेंगे। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, पारदर्शिता और टीम भावना ही ऐसे मूल्य हैं, जिनके माध्यम से दिल्ली को एक सकारात्मक और विश्वसनीय पहचान दिलाई जा सकती है।

Delhi News : दिल्ली सचिवालय में ‘कुरुक्षेत्र’ एनिमेटेड सीरीज की स्पेशल स्क्रीनिंग का हुआ आयोजन