Cyber Crime Alert : RTO चालान के नाम पर की जा रही है लाखो की ठगी हो जाये सावधान

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PAN Card Fraud : अगर आपके पास भी पैन कार्ड से जुड़ा ई-पैन ईमेल आता है तो हो जाएं सावधान

Cyber Crime Alert(आज समाज) : मध्य प्रदेश में साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है। इस बार ठगों ने एक युवक को RTO चालान का लिंक भेजकर अपना शिकार बनाया है। निवाड़ी जिले के एक गाँव में, जैसे ही युवक ने अपने मोबाइल पर आए फर्जी लिंक को खोला, उसका मोबाइल हैक हो गया और उसके खाते से ₹5,000 निकल गए। यह घटना दर्शाती है कि ऑनलाइन ठगी करने वाले हर दिन नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि आप इस तरह की ठगी से कैसे बच सकते हैं।

RTO चालान जारी करने का लिंक

यह घटना निवाड़ी जिले के नामपुरा गाँव निवासी हेमराज प्रजापति के साथ हुई। हेमराज ने बताया कि 5 सितंबर को उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से RTO चालान जारी करने का लिंक आया। जैसे ही उन्होंने उत्सुकतावश उस लिंक पर क्लिक किया, उनका मोबाइल हैक हो गया। इसके कुछ देर बाद ही एक मैसेज आया कि उनके बैंक खाते से ₹5,000 कट गए हैं।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। हैकर्स ने उनके फ़ोन से उनकी पूरी कॉन्टैक्ट लिस्ट में वही फ़र्ज़ी आरटीओ चालान लिंक भेज दिया। जब हेमराज को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को फ़ोन करके उस लिंक को न खोलने की चेतावनी दी।

पुलिस मामले की जाँच कर रही

इस धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद, हेमराज प्रजापति ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। ठरका थाने के प्रभारी गौरव राजौरिया ने बताया कि पुलिस मामले की जाँच कर रही है और जल्द ही जालसाज़ों का पता लगा लिया जाएगा।

यह अकेला मामला नहीं है। आजकल साइबर अपराधी ऐसे फ़र्ज़ी लिंक का इस्तेमाल करके लोगों को ठग रहे हैं। कुछ समय पहले, एसबीआई बैंक की केवाईसी से जुड़ी एक फ़ाइल भी इसी तरह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। इसे खोलते ही लोगों के फ़ोन हैक हो रहे थे और उनके पैसे चोरी हो रहे थे।

हमेशा रहे सतर्क

साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप सतर्क रहें। अगर आपको किसी अनजान नंबर से आरटीओ चालान या बैंक केवाईसी से जुड़ा कोई लिंक मिले, तो उसे बिल्कुल न खोलें। ऐसे लिंक पर क्लिक करने से आपके फ़ोन में मैलवेयर या वायरस इंस्टॉल हो सकता है, जिससे हैकर्स आपके फ़ोन का सारा डेटा और बैंक खाते की जानकारी चुरा सकते हैं।

किसी भी सरकारी जानकारी या चालान के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट (जैसे परिवहन विभाग की वेबसाइट) या ऐप का ही इस्तेमाल करें। किसी भी अनजान लिंक पर भरोसा न करें और अपने दोस्तों और परिवार को भी ऐसी धोखाधड़ी के बारे में जागरूक करें।