9 सह-चयनित सदस्यों के बिना, 40 सदस्यीय कमेटी नहीं ले सकती शपथ
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: प्रदेश में नव निर्वाचित हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में 9 नए सदस्यों को शामिल करने पर आम सहमति नहीं बन सकी। इन सदस्यों की नियुक्ति करने वाला पांच सदस्यीय पैनल आम सहमति बनाने में विफल रहा। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन अधिनियम, 2014 के तहत सह-चयन प्रक्रिया एक कानूनी आवश्यकता है, जिसके तहत दो सिख महिलाओं, अनुसूचित जाति या पिछड़े वर्ग के तीन सदस्यों, दो सिख बुद्धिजीवियों और पंजीकृत सिंह सभाओं के दो अध्यक्षों को शामिल करना अनिवार्य है। इन नौ सह-चयनित सदस्यों के बिना, 40 सदस्यीय एचएसजीएमसी शपथ नहीं ले सकता है या आधिकारिक कार्य नहीं कर सकता है।
11 मई को पंचकूला में पूर्ण सदन की बैठक बुलाई
अब जस्टिस एचएस भल्ला (रिटायर्ड) की अध्यक्षता वाले गुरुद्वारा चुनाव आयोग ने 11 मई को पंचकूला में पूर्ण सदन की बैठक बुलाई है। रिटायर्ड जस्टिस भल्ला ने कहा कि हमने सभी 40 निर्वाचित सदस्यों को चार अनिवार्य श्रेणियों में नौ अतिरिक्त सदस्यों को शामिल करने के लिए आमंत्रित किया है। एचएसजीएमसी हरियाणा भर में 52 ऐतिहासिक गुरुद्वारों और कई शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है, जिससे इसका प्रभावी गठन सिख समुदाय के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।
5 सदस्यीय पैनल यह नेता शामिल
4 मई को गठित पांच सदस्यीय पैनल में पंथक दल (झिंडा) के नेता जगदीश सिंह झिंडा, अकाल पंथक मोर्चा के प्रकाश सिंह साहूवाला, सिख पंथक मोर्चा के बलदेव सिंह कैमपुर और निर्दलीय अंग्रेज सिंह रानिया और गुरबीर सिंह रादौर शामिल थे।
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