CIBIL Score New Rules : CIBIL स्कोर बेहतर होने पर EMI में होगी कमी , जाने नए नियम

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CIBIL Score New Rules : CIBIL स्कोर बेहतर होने पर EMI में होगी कमी , जाने नए नियम
CIBIL Score New Rules : CIBIL स्कोर बेहतर होने पर EMI में होगी कमी , जाने नए नियम

CIBIL Score New Rules(आज समाज) : अगर आप हर महीने अपने होम लोन या कार लोन पर भारी EMI देते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब आपका EMI कम हो सकता है, और इसके लिए न तो RBI ने रेपो रेट कम किया है, और न ही किसी बैंक ने कोई खास स्कीम लॉन्च की है। बल्कि, इसका सॉल्यूशन आपके CIBIL स्कोर में छिपा है। जी हां, वही स्कोर जो यह तय करता है कि आपको लोन मिलेगा या नहीं, अब आपका EMI भी कम कर सकता है।

CIBIL स्कोर एक पैमाना

CIBIL स्कोर आपकी फाइनेंशियल भरोसेमंदता का एक पैमाना है। यह 300 से 900 के बीच होता है, और स्कोर जितना ज़्यादा होगा, बैंक आपको उतनी ही आसानी से और कम इंटरेस्ट रेट पर लोन देने को तैयार होंगे। यह स्कोर आपके पिछले लोन, क्रेडिट कार्ड पेमेंट और फाइनेंशियल डिसिप्लिन के आधार पर तय होता है। ज़्यादातर लोग इस स्कोर को तभी चेक करते हैं जब उन्हें नए लोन की ज़रूरत होती है। इस स्कोर की रेगुलर मॉनिटरिंग अब ज़रूरी हो गई है।

एक नया सर्कुलर जारी

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक नया सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के तहत, बैंकों के लिए स्प्रेड पर तीन साल का लॉक-इन पीरियड हटा दिया गया है। पहले, बैंक तीन साल तक लोन पर स्प्रेड नहीं बदल सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसका मतलब है कि अगर आपका CIBIL स्कोर बेहतर होता है, तो आप बैंक से EMI कम करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं।

कैसे लगता है इंटरेस्ट रेट

जब आप लोन लेते हैं, तो आपका इंटरेस्ट रेट दो हिस्सों से मिलकर बनता है: पहला हिस्सा RBI का बेंचमार्क रेट होता है, और दूसरा हिस्सा बैंक का स्प्रेड होता है। बेंचमार्क रेट RBI के फैसले से तय होता है, लेकिन बैंक स्प्रेड आपके पर्सनल फाइनेंशियल स्कोर और बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करता है। पहले, यह स्प्रेड तीन साल तक नहीं बदला जा सकता था, लेकिन अब RBI ने यह रोक हटा दी है।

क्रेडिट प्रोफाइल करे बेहतर 

अगर आपने हाल ही में कोई पुराना लोन चुकाया है या आपके क्रेडिट कार्ड के ड्यूज़ टाइम पर क्लियर हो रहे हैं, तो आपका CIBIL स्कोर शायद बढ़ गया होगा। इस मामले में, आप अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं और अपने बेहतर क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर EMI कम करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। अगर बैंक मना करता है, तो आप उन्हें लेटेस्ट RBI सर्कुलर दिखा सकते हैं, क्योंकि अब ऐसा करने पर कोई रोक नहीं है।

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