Charkhi Dadri News : डॉ. सुनील सनसनवाल को इंटरनेशनल आयुष कॉन्क्लेव में मिला राष्ट्रीय सम्मान, क्षेत्र में गर्व और खुशी की लहर

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Charkhi Dadri News: Dr. Sunil Sansanwal received national honor at International Ayush Conclave, wave of pride and happiness in the area
इंटरनेशनल आयुष कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होते डॉ. सुनील सनसनवाल।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। गांव काकड़ौली हट्टी निवासी डॉ. सुनील सनसनवाल को हाल ही में आगरा में आयोजित इंटरनेशनल आयुष कॉन्क्लेव के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किए जाने पर क्षेत्र के मौजिज लोगों द्वारा उनको बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की जा रही है।गौरतलब है कि आगरा में आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान देश-विदेश के 150 से अधिक आयुष चिकित्सकों को उनके क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया था। डॉ. सुनील सनसनवाल हरियाणा से इकालौते है जिन्हे इस सम्मेलन में आयुष प्रतिभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो कि जिले के लिए गर्व की बात है।

सम्मान प्राप्त करने के बाद जब डॉ. सनसनवाल दादरी लौटे, तो भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष मनबीर चौधरी, युवा मोर्चा, बजरंग दल, गौरक्षा समिति के कार्यकर्ताओं सहित जिले के अन्य गणमान्य नागरिकों ने उनका भव्य स्वागत एवं सम्मान किया। इस मौके पर दीपांशु अमनी, विकास दलाल, मा. सुरेन्द्र सनसनवाल, सतीश फौजी, मंजू सांगवान, साहिल नवांकुर सहित अनेक लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।इस अवसर पर बोलते हुए मनबीर चौधरी ने कहा कि डॉ. सुनील सनसनवाल आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रेरणास्त्रोत हैं और हाथी पार्क के पीछे आयुर्वेद हेल्थ केयर नामक अस्पताल के माध्यम से लोगों की सेवा कर रहे हैं।

आयुष अब केवल चिकित्सा का विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य का समाधान है

उन्होंने युवाओं से अपील की कि आयुर्वेद की ओर लौटें, ताकि लंबा, निरोग जीवन जीया जा सके। मनबीर चौधरी ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल डॉ. सुनील सनसनवाल की व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि पूरे हरियाणा और विशेषकर दादरी जिले के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। सम्मेलन में अपने विचार साझा करते हुए डॉ. सुनील सनसनवाल ने कहा कि भारत को आयुष के माध्यम से विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। आयुष अब केवल चिकित्सा का विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य का समाधान है। जब चिकित्सा में संस्कृति और परंपरा जुड़ती है, तो वह केवल इलाज नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली बन जाती है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि लोग दिन की शुरुआत चाय से न करके हरे पत्तों या प्राकृतिक पदार्थों से करें, ताकि जीवनभर स्वस्थ और ऊर्जावान रहा जा सके।

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