(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। भाकियू ने आपात बैठक आयोजित कर सरकार द्वारा इस क्षेत्र के किसानों के साथ की जा रही उपेक्षा के विरोध में सोमवार को उपमंडल स्तर पर किसान महापंचायत आयोजित कर एसडीएम के माध्यम से सीएम नायब सिंह सैनी को ज्ञापन देने का फैसला लिया। किसानों ने दावा किया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसान से डीएपी खरीद में प्रति बैग पूरी राशी जमा करवाने के बाद बैग उपलब्ध करवा कर पच्चास फिसदी सब्सिडी राशी खाते में भेजने की नई शर्त थोपने व चरखी दादरी व बाढड़ा उपमंडल क्षेत्र में रबी सीजन के प्रथम व अंतिम चरण में हुई बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से बर्बाद गेहूं, सरसों की फसलों का मुआवजा व किसानों की लंबित कनेक्षन न देने पर भाकियू ने कड़ा रोष प्रकट किया है।
कस्बे के जुई रोड़ स्थित सर छोटूराम किसान भवन में भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा की अध्यक्षता में आयेाजित बैठक में सरकार द्वारा बार बार किसानों पर नई नई शर्ते लागू कर उनको आर्थिक परेशानी देने पर चिंता प्रकट की गई। उन्होंने कहा कि जिले के किसानों के साथ हर मामले में सौतेला बर्ताव किया जा रहा है। पहले तो छह माह तक डीएपी के दर्शन नहीं हुए और अब आपूर्ति की गई है तो उनपर सारी पूंजी एक साथ जमा करवाने की हिदायतें दे दी गई जबकी आजादी के बाद डीएपी व अन्य तरह के खाद, बीज की सब्सिडी खुद सरकार वहन करती है और किसान को केवल शेष पूजी का भुगतान करना पड़ रहा है जबकी सरकार अब किसान से लेकर उनको बाद में आनलाईन देने का दावा कर रही है जो किसानों के साथ भद्दा मजाक है।
वर्ष 2023 का बकाया मुआवजा एक चौथाई भी जारी नहीं किया और बीमा कंपनी सारा डकार गई वहीं अब वर्ष 2024-2025 की रबी सीजन में गेहूं, सरसों व सब्जियों की फसलों पर तीन बार की प्राकृतिक आपदा की मार के बावजूद सरकार अभी तक बजट जारी नहीं कर पाई है। इससे किसानों को वह फसल तो नाममात्र की प्राप्त हुई वहीं अब बार बार बरसात से उनको महंगे भाव का बीज खरीदना पड़ रहा है लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए है। सीएम व सरकार के अन्य जनप्रतिनिधि बार बार दावा करते थे कि रबी सीजन की फसल कटाई से पहले किसानों के खातों में नुकसान की राशी भेजी जाएगी लेकिन अब सरकार सारे मामले पर चुप्पी साधे हुए है जो न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि नुकसान का इतना लंबा अर्सा बीतने के बावजूद सुध न लेने से किसानों के सामने भुखमरी के हालात बन गए हैं और सीएम को आज दादरी दौरे में इन किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए था लेकिन एक शब्द भी नहीं बोला गया।
देश में आज महंगाई व बेरोजगारी चरम पर है वहीं कृषि क्षेत्र पर प्राकृतिक आपदका की मार के कारण आज किसान आर्थिक बदहाली का शिकार है। प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी को इस मामले पर तत्काल कदम उठाना चाहिए वरना सोमवार को उपमंडल स्तर पर किसान महापंचायत आयोजित कर एसडीएम के माध्यम से सीएम नायब सिंह सैनी को ज्ञापन देने का फैसला लिया। बैठक में उनके अलावा भाकियू महासचिव ओमप्रकाश उमरवास, सतबीर सिंह बाढड़ा, पूर्व सरपंच गिरधारी, पूर्व सरपंच वेदप्रकाश काकड़ौली, भूपसिंह दलाल, राम अवतार लाड, ऋषिराम भांडवा, सत्यप्रकाश, मांगेराम श्योराण, अशोक काकड़ौली, वीन बाढड़ा, ब्रहमपाल बाढड़ा, रणधीर हुई, करतार गोपी, ईश्वर सिंह, कमल सिंह हड़ौदी, आनंद वालिया, रामप्रकाश इत्यादि मौजूद रहे।
कृषि क्षेत्र में नाममात्र सुविधाएं
भाकियू महासचिव ओमप्रकाश उमरवास ने बताया कि सरकार जिले व उपमंडल के किसानों के साथ उपेक्षा बरत रही है। उपमंडल बिजली कार्यालय में स्वीकृति के बाद भी कार्यकारी अभियंता की तैनाती नहीं है वहीं लगभग दस करोड़ की राशी जमा करवाने के बाद भी नए ट्यूबवैलों को कनेक्षन जारी नहीं किया गया। उपमंडल कार्यालय में भंडारण केन्द्र न होने से उपकरणों की भारी कमी बनी हुई है और किसानों को अपने स्वयं के खर्चे पर सामान लगाना पड़ रहा है। कृषि विभाग में किसानों के साथ सबसे अधिक अन्याय है। कृषि विभाग का कार्यालय मात्र एक किराए के कमरे में संचालित है और सभी पद रिक्त होने से किसानों को कृषि संबधी कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
किसानों का बकाया मुआवजे से लेकर अन्य सुविधाओं के नाम पर केवल दिखावा किया जा रहा है। मौजूदा समय में कपास की फसल बिजाई कार्य चल रहा है लेकिन उनको चार बार के सीजन गुजरने के बाद भी कनेक्षन नहीं दिए गए हैं। क्षेत्र की जनप्रतिनिधि पूरी तरह कमजोर अनुभवहीन है और इसका खामियाजा गरीब व भोले भाले किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सांसद, विधायक द्वारा दो-दो साल तक चुप्प रहने के बाद अब किसानों के आंदोलन के कारण कनेक्षन शुरु किए गए तो सत्तापक्ष ने वरिष्टता सूचि के नाम पर पहले से तैयार लगभग तीन सौ आवेदकों का भी काम बंद कर दिया है जिससे उनमें रोष बना हुआ है।
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