Chandigarh News: संत करम सिंह जी की स्मृति में डेरा बस्सी में मनाया गया प्रेरणा दिवस

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Chandigarh News:  संत निरंकारी मिशन के वरिष्ठ संत स्वर्गीय करम सिंह जी की स्मृति में आज डेरा बस्सी स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में प्रेरणा दिवस का आयोजन भावपूर्ण वातावरण में किया गया। इस अवसर पर संगतों ने न सिर्फ उनकी शिक्षाओं को याद किया बल्कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर सत्गुरु की भक्ति के मार्ग पर चलने का संकल्प भी लिया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जोनल इंचार्ज ओ.पी. निरंकारी जी ने की। उन्होंने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के संदेश को संगत के समक्ष रखते हुए कहा कि — “आया है सो जाएगा, राजा रंक फकीर, एक सिंहासन चढ़ चले, एक बांधे गए जंजीर।” उन्होंने बताया कि करम सिंह जी ने अपने जीवन को पूरी तरह सत्गुरु की सेवा में समर्पित कर दिया था। उनका असली नाम ‘कर्म सिंह’ था, और उन्होंने अपने कर्मों से ही अपने जीवन को सार्थक किया।
ओ.पी. निरंकारी जी ने बताया कि करम सिंह जी ने हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और यहां तक कि इंग्लैंड में भी निरंकारी मिशन के संदेश को फैलाने में विशेष योगदान दिया। उन्होंने संगठन को मजबूत किया और लोगों को सच्चे ज्ञान की ओर अग्रसर किया। ऐसे कार्य सिर्फ एक सच्चा संत ही कर सकता है।
इस मौके पर मिशन के प्रसिद्ध गायक सुनील भंडारी ने अपने भावुक शब्दों और गीतों के माध्यम से संत करम सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “कर्म सिंह जी जहां भी गए, वहां सिर्फ गुरु की बात की। पिंजौर हो, बद्दी हो, नालागढ़ हो, परमाणु या डेरा बस्सी — हर जगह उन्होंने गुरु की महिमा को ही प्रचारित किया। ऐसे संत को मैं शत-शत नमन करता हूं।”
संत करम सिंह जी के सुपुत्र नवजोत सिंह ने मंच से भावभीनी अरदास की। उन्होंने कहा, “जैसे मेरे पिताजी ने अपना सम्पूर्ण जीवन गुरु के चरणों में अर्पण कर दिया, उसी तरह हम परिवार के सदस्य भी चाहते हैं कि हमारा जीवन भी गुरु की सेवा में ही व्यतीत हो।” उन्होंने संगत से आह्वान किया कि वे भी अपने जीवन को सत्गुरु की राह में लगाएं।
कार्यक्रम के अंत में समस्त संगत ने सामूहिक रूप से प्रार्थना की और संत करम सिंह जी की स्मृति को नमन करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा ली। यह दिवस न केवल श्रद्धांजलि का अवसर था, बल्कि एक प्रेरणा बनकर उभरा कि किस प्रकार एक जीवन सच्चे अर्थों में गुरु की सेवा में सफल हो सकता है।