Chandigarh News: मीट मछ्ली खाने वाले लोगों को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि मीट मछली को खुले में काटने व बिना मेडिकल जांच के मास खाना आपकी सेहत के लिए बेहद हनिकारक हो सकता है। आज के समय में लोगों द्वारा मीट मछली का सेवन काफी मात्रा में किया जा रहा है। लेकिन जो मीट लोग खा रहे क्या वह स्वस्थ है इसकी जांच करना प्रसाशन कि जिम्मेवारी है साथ लोगों को भी सतर्क होना पड़ेगा। क्योंकि मीट मछली बेचने वाले विक्रेता किसी भी मापदंड का इस्तेमाल नहीं कर रहे है। मीट मछली खुल्ले में काटी जा रही है और मीट मछली बीमार है या नहीं इसकी मेडिकल जांच भी नहीं करवाई जा रही है। जबकि पिछले वर्ष मार्च 2024 में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी द्वारा आदेश दिए थे कि खुल्ले में मीट काटना मना है और बकायादा उसकी जांच होनी चाहिए। जिसके लिए वेटनरी डाक्टर की जांच के बाद बकायादा सर्टिफिकेट देने की बात कही थी। यह भी कहा गया था के यदि कोई मुर्गा या बकरा बीमार पाया जाता है तो उसे काटा नहीं जाएगा। उन्होंने यहां तक बोला था के नगर परिषद द्वारा सलाटर हॉउस के लिए जगह भी देखी जा रही है। लेकिन कार्यकारी अधिकारी के हवा हवाई बयान के एक साल बाद भी शहर में मीट मछली विक्रेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है और वह पहले की तरह खुल्ले में मीट मछली काट रहे हैं और बेच भी रहे है। इसके इलावा एक समस्या यह भी है के कुछ लोग मीट मछली का ना बिकने वाले अवशेष सड़क किनारे खुल्ले में गिरा देते हैं। जिसे कुत्ते खाते हैं और वह लोगों को काटने लगते हैं। यह एक बहुत बड़ी समस्या है। जिस तरफ प्रसाशन को ध्यान देना चाहिए। लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ ना हो इसके लिए नगर परिषद का खुद का सलाटर हॉउस व डाक्टर की व्यवस्था होने चाहिए ताकि मीट मछली खाने वाले लोग स्वस्थ मीट खा सके। इसके लिए लोगों को खुद भी सतर्क होना पड़ेगा और डाक्टर व मेडिकल जांच की मांग लोगों को खुद भी करनी चाहिए। इस सबंध में कार्यकारी अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन ही नही उठाया।