Chandigarh News: इनर व्हील क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल की नई प्रेसिडेंट के रूप में सरबानी दत्ता का चयन किया गया है। जबकि क्लब में जोनल क्लब कॉर्डिनेटर उषा शर्मा, वाईस प्रेसिडेंट वरिंदर कौर, प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर व आईपीपी अनिता मिड्ढा, सेक्रेटरी कुलविंदर कौर, ट्रेजरार मोनिका गुप्ता, आईएसओ सुमन गुप्ता, एडिटर निशा को नियुक्त किया गया है। यह क्लब क्षेत्र की सबसे सक्रिय महिला सामाजिक संस्थाओं में से एक है।
प्रेसिडेंट बनने के बाद सरबानी दत्ता ने समाज सेवा के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता और आने वाले समय के लिए अपनी योजना साझा की।
प्रेसिडेंट बनने के बाद सरबानी दत्ता ने समाज सेवा के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त की और भविष्य की अपनी सोच साझा की।
सरबानी ने कहा कि वह हमेशा “सेवा परमों धर्म:” के सिद्धांत में विश्वास रखती हैं। “जब मैंने समाज में असमानता और संघर्ष को नज़दीक से देखा, तो मैंने अपना जीवन समुदाय आधारित सेवा के माध्यम से दूसरों का जीवन सुधारने के लिए समर्पित कर दिया,”।
उन्होंने जोर देकर कहा कि क्लब का उद्देश्य महिलाओं, बच्चों और वंचित समुदायों को सहयोग देना है — विशेष रूप से उन्हें, जो गरीबी, घरेलू हिंसा और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रहे हैं।
सरबानी ने यह भी बताया कि सामाजिक कार्य में कई चुनौतियाँ होती हैं — जैसे सीमित संसाधन, प्रशासनिक बाधाएँ और गहरी जमी हुई सामाजिक सोच। “कई बार सोच बदलना, नीति बदलने से भी कठिन होता है,” उन्होंने कहा।एक भावुक अनुभव साझा करते हुए, अनीता मिड्ढा ने बताया कि उन्होंने कैसे उन बच्चियों की मदद की जिन्हें केवल बेटी होने के कारण छोड़ दिया गया था। “उन्हें शिक्षा और देखभाल देना मेरे लिए बेहद अर्थपूर्ण रहा — यह मुझे हर दिन याद दिलाता है कि बेटियों के प्रति समाज की सोच बदलना कितना जरूरी है।”
संवेदनशील परिस्थितियों में विश्वास बनाने को लेकर उषा शर्मा ने कहा, “बिना जजमेंट के सुनना, लगातार मौजूद रहना, और लोगों की गरिमा का सम्मान करना — विश्वास इसी तरह कमाया जाता है।”
समुदाय की ज़रूरतों को समझने के लिए वरिंदर कौर ने बताया कि क्लब घर-घर सर्वे, फील्ड विज़िट और लोगों से प्रत्यक्ष बातचीत करता है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के साथ-साथ व्यक्तिगत संवाद भी उतना ही जरूरी है।
भावनात्मक थकान और तनाव से निपटने के लिए निशा आत्म-चिंतन, मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और साथियों के सहयोग की वकालत करती हैं। “मैं लिखती हूँ, सोचती हूँ, और अपने उद्देश्य से जुड़ी रहती हूँ।”
सरबानी ने अपनी समर्पित टीम को श्रेय देते हुए कहा कि सामाजिक बदलाव एक सामूहिक प्रयास है — “जितने अधिक हाथ एक साथ जुड़ते हैं, प्रभाव उतना ही गहरा होता है।” मोनिका गुप्ता ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में लिंग असमानता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की बात कही।