Bihar Breaking News : चुनाव आयोग के साथ मिलकर भाजपा कर रही गड़बड़ी : राहुल

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Bihar Breaking News : चुनाव आयोग के साथ मिलकर भाजपा कर रही गड़बड़ी : राहुल
Bihar Breaking News : चुनाव आयोग के साथ मिलकर भाजपा कर रही गड़बड़ी : राहुल

कहा, बिहार ही नहीं बेंगलूरु सेंट्रल की महादेवपुरा विस सीट पर भी एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता बनाए गए

Bihar Breaking News (आज समाज), पटना : राहुल गांधी ने बिहार में वोट अधिकार यात्रा की, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। इस यात्रा का मकसद मतदाता सूची में कथित धांधली को उजागर करना और जनता को अपने अधिकारों के लिए जागरूक करना था। कांग्रेस ने इसे जनता के वोट की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा आंदोलन बताया है। इस दौरान कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों और बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अपने हमले तेज कर दिए हैं।

वोट चोरी पर न्यूजलेटर लॉन्च किया

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोपों को और पुख्ता करने के लिए एक न्यूजलेटर लॉन्च किया है। कांग्रेस का कहना है कि यह न्यूजलेटर राहुल गांधी की हालिया ‘एटम बम’ प्रेस कॉन्फ्रेंस और उनकी वोट अधिकार यात्रा पर केंद्रित है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से मतदाता सूचियों में गड़बड़ियां की जा रही हैं। उन्होंने कर्नाटक के बंगलूरू सेंट्रल की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं के नाम दर्ज होने का आरोप लगाया। कांग्रेस का दावा है कि चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर मतदाताओं के अधिकार छीन रहे हैं।

चुनाव आयोग बना भाजपा का बैक ऑफिस

एक तरफ जहां नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग अब ‘भाजपा का बैक आॅफिस’ बन गया है। खरगे ने कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए बताया कि मई 2023 चुनाव से पहले वहां हजारों मतदाताओं के नाम एक सुनियोजित साजिश के तहत हटाए गए।

कर्नाटक का अलंद केस और फर्जी आवेदन

खड़गे ने दावा किया कि फरवरी 2023 में दर्ज एक मामले की जांच में 5,994 फर्जी आवेदन पाए गए। यह आवेदन मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए किए गए थे। उन्होंने कहा कि यह बड़े पैमाने पर मतदाता धोखाधड़ी का स्पष्ट सबूत है। इसके बाद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश दिया ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके।