- पूर्व सीपीएस रामकिशन फौजी पर लगाए 5 लाख रुपये लेकर नौकरी देने के जड़े आरोप
- 2013 में झूठे षड्यंत्र रचकर मुझे टर्मिनेट व सस्पेंड किया, 12 साल बाद कोर्ट से बेकसूर हुआ साबित
(Bhiwani News) भिवानी। भिवानी में एक सरकारी जेबीटी अध्यापक आनंद घनघस ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर पैसे देकर नौकरी देने और फिर उस भ्रष्टाचार को उजागर करने पर 12 साल प्रताड़ित करने के बड़े व गंभीर आरोप लगाए हैं। अब दोबारा नौकरी बहाल होने पर इस टीचर ने पूर्व सीपीएस सहित 140 लोगों को 76 करोड़ रुपये मानहानि के नोटिस भेजे हैं। रविवार को स्थानीय हांसी गेट के नजदीक एक निजी रेस्तरां में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अध्यापक आनंद घणघस ने बताया कि वो पात्र अध्यापक संघ हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष था।
2011 में पूर्व की कांग्रेस सरकार में जेबीटी शिक्षकों की भर्ती निकली तो उन्हें महसूस हुआ कि बिना पैसे दिए नौकरी नहीं मिलेगी। इसके बाद वो बवानीखेड़ा से तत्कालीन विधायक एवं सीपीएस रामकिशन फौजी से मिले। जिन्होंने 5 लाख रुपये लिए। उसके बाद उसे यमुनानगर जिला में ज्वाइन करवाया गया। आनंद ने बताया कि इसके बाद दिल्ली में अन्ना आंदोलन शुरू हुआ तो उसने भी अपना ये भ्रष्टाचार का मामला उठाया।
न्यायालय ने न्याय किया और पूरा मामला ही झूठा पाया
आनंद घनघस ने बताया कि ये पूरा मामला उजागर किया तो पूर्व सीपीएस रामकिशन फौजी ने उनकी प्रिंसिपल जो कांग्रेस विधायक कृष्णा पंडित की परिवार में थी, को कह कर उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवाए। जिसके बाद वे 9 साल टर्मिनेट और 32 महीने सस्पेंड रहे। इस दौरान कोर्ट ट्रायल में परिवार में कुछ नहीं बचा। सुसाइड करने तक मन करता था, पर न्यायालय ने न्याय किया और पूरा मामला ही झूठा पाया। बीते 11 मार्च 2014 को हरियाणा शिक्षा विभाग ने अपनी भूल सुधारते हुए पुन: पद पर बहाल किया, जो हरियाणा में रिकॉर्ड है।
मुझे दोबारा जॉइनिंग मिली। अध्यापक आनंद का कहना है कि अब उन्होंने पूर्व सीपीएस रामकिशन फौजी व उसके भाई सहित 140 लोगों को 76 करोड़ रुपये मानहानि के नोटिस भेजे हैं, जिसमें कई कांग्रेस नेता, शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी तथा कुछ उस समय के पंचायत प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने उसके ख़िलाफ़ हलफनामे दिए थे। आनंद घणघस का कहना कि ये नोटिस इसलिए भेजे हैं कि भविष्य में कोई संविधान व सिस्टम का ग़लत फ़ायदा उठा कर किसी को ग़लत ना फंसाए।
उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मांग करते हुए कहा कि 2005 से 2014 तक कांग्रेस राज में की गई सभी भर्तियों की जांच करके शामिल सभी हाई प्रोफाइल लोगों को कानून के कटघरे में लाकर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर इस बारे एक मांगपत्र सौंपा जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा जाएगा।
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