
Bank Merger Policy, आज समाज : केंद्र सरकार एक बार फिर पब्लिक बैंकिंग स्ट्रक्चर में बड़े बदलावों का रोडमैप तैयार कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार छह पब्लिक सेक्टर बैंकों के भविष्य के लिए एक नई स्ट्रैटेजी बना रही है, जिसमें उन्हें आपस में या किसी मजबूत, बड़े बैंक के साथ मर्ज करना शामिल हो सकता है।
पॉलिसी बनाने वालों का मकसद ऐसे बड़े बैंकिंग इंस्टीट्यूशन बनाना है जो न सिर्फ देश में मजबूत हों बल्कि दुनिया के टॉप 100 बैंकों की लिस्ट में भारत की मौजूदगी को भी मजबूत करें।
बड़े बैंक ग्रुप ही भविष्य
भारतीय बैंकिंग सेक्टर दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन दुनिया भर में मुकाबला करने के लिए इसे और मजबूत करने की जरूरत है। देश का सबसे बड़ा बैंक, SBI, पहले से ही इस आइडिया का सपोर्ट कर रहा है कि मजबूत और बड़े बैंक ग्रुप ही भविष्य हैं। सरकार फिलहाल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक के बारे में अहम कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
सरकार के प्लान का मकसद बैंकिंग सिस्टम को और बेहतर बनाना है। मर्जर से बैंकों की कैपिटल पोजीशन मजबूत होगी, रिस्क मैनेजमेंट बेहतर होगा और NPA कंट्रोल में आसानी होगी। डिजिटल सर्विस में ज़्यादा इन्वेस्टमेंट से कस्टमर को मॉडर्न और तेज़ सर्विस मिलेंगी। इसके अलावा, बड़े बैंक इंटरनेशनल लेवल पर ज़्यादा कॉम्पिटिटिव बनेंगे, जिससे इंडियन बैंकिंग सिस्टम की ग्लोबल प्रेजेंस मज़बूत होगी।
पहले भी हुए कई बड़े मर्जर
पिछले तीन दशकों में, पब्लिक बैंकिंग स्ट्रक्चर में कई बड़े मर्जर हुए हैं। 2017 में, SBI ने अपने एसोसिएट बैंकों और भारतीय महिला बैंक को मिलाकर एक बड़ा बैंकिंग ग्रुप बनाया। इसके बाद, 2019 में, बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने विजया बैंक और देना बैंक को एक्वायर किया।
इसी दौरान, PNB ने OBC और यूनाइटेड बैंक को एक्वायर किया। केनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक में, यूनियन बैंक का आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक में, और इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में मर्ज हुआ। इन बड़े बदलावों से पब्लिक सेक्टर बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई है।
हालांकि सरकार ने अभी तक साफ तौर पर किसी बैंक का नाम या डेडलाइन शेयर नहीं की है, लेकिन इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि अप्रैल 2026 तक एक बड़े और असरदार मर्जर की घोषणा की जा सकती है। फाइनेंस मिनिस्ट्री इस प्रोसेस को एक साथ लागू करने के बजाय दो या तीन फेज में आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।
यह भी पढ़े : FD Rate Increase : यह बैंक दे रहे FD पर स्टेबल रिटर्न

