Mohali Crime News : बंबीहा गैंग ने की कबड्डी प्रमोटर की गोली मारकर हत्या

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Mohali Crime News : बंबीहा गैंग ने की कबड्डी प्रमोटर की गोली मारकर हत्या
Mohali Crime News : बंबीहा गैंग ने की कबड्डी प्रमोटर की गोली मारकर हत्या

बोलेरो गाड़ी में सवार होकर आए हमलावर, सिर में मारी गोलियां

Mohali Crime News (आज समाज), मोहाली : मोहाली में एक कबड्डी मैच के दौरान बंबीहा गैंग के कुछ बदमाशों ने गोलियां मारकर कबड्डी खिलाड़ी और प्रमोटर राणा बलाचौरिया की हत्या कर दी। राणा बलाचौरिया पर हमला उस समय हुआ जब मैच शुरू होने वाला था। हमलावर उसके पास कबड्डी फैन बनकर आए और बिल्कुल नजदीक से उसके सिर में गोलियां मारी। वारदात की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। हत्या के कुछ समय बाद ही बंबीहा गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली और इसे सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का बदला बताया।

फोर्टिस अस्पताल में राणा बलाचौरिया ने तोड़ा दम

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। वहीं गोली लगने से घायल खिलाड़ी को मोहाली फोर्टिस में भर्ती करवाया गया है, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार हमलावरों ने राणा बलाचौरिया को फोटो लेने के बहाने रोका और उस पर फायरिंग कर दी। हमलावरों ने चार से पांच राउंड फायर किए हैं। पुलिस को मौके से चार गोलियों के खोल भी मिले हैं। जब आरोपी मौके से भाग रहे थे तो लोगों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की। इस पर आरोपियों ने भागते समय हवाई फायर भी किए हैं।

पैरी हत्याकांड में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

वहीं पिछले दिनों चंडीगढ़ सेक्टर-26 में इंद्रप्रीत सिंह उर्फ पैरी हत्याकांड में जांच के दौरान बड़ा तकनीकी खुलासा हुआ है। हत्या की जिम्मेदारी लेने के लिए सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट का आईपी एड्रेस स्पेन का निकला है। चंडीगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। यह पोस्ट गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े हरी बॉक्सर और आरजू बिश्नोई के नाम से बने सोशल मीडिया अकाउंट से डाली गई थी, जिसमें पैरी की हत्या करवाने का दावा किया गया था।

पुलिस कर रही आईपी एड्रेस की जांच

पुलिस अब यह जांच कर रही है कि पोस्ट डालने वाले आरोपी वास्तव में विदेश में मौजूद हैं या फिर भारत में बैठकर वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के जरिए आईपी एड्रेस छिपाया गया। साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक, आईपी एड्रेस का विदेश का होना यह जरूरी नहीं दशार्ता कि आरोपी वहीं मौजूद हों। कई मामलों में वीपीएन के जरिए फर्जी लोकेशन दिखाई जाती है जिससे जांच एजेंसियां गुमराह हो जाती हैं।