Ambala News : अरोड़ा खत्री वंश के आदि प्रवर्तक श्री अरूट जी महाराज की सबसे ऊंची मूर्ति अंबाला में स्थापित

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The tallest statue of Shri Arut Ji Maharaj, the founder of Arora Khatri dynasty, was installed in Ambala

(Ambala News) अंबाला। अंबाला शहर में गैलेक्सी मॉल के नजदीक स्थित श्री अरूट जी महाराज वाटिका में आज अरूट जयंती पर एक बड़ा भव्य कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम में गीता मनीष के स्वामी ज्ञानानंद जी द्वारा अरूट महाराज की सवा पांच फुट ऊँची संगमरमर से बनी मूर्ति का अनावरण किया गया। तीन महीनों में राजस्थान के अलवर से तैयार करवाई गयी मूर्ति का वजन लगभग ढाई टन है और से 10 फुट ऊँचे चबूतरे पर स्थापित किया गया है।

कार्यक्रम की शुरुआत श्री विवेक सबलोक (गोविंद जी) के मधुर भजनों से हुई और भक्ति रस पूरे वतावर्न मे फैल गया। कार्यक्रम राजन साड़ी के मालिक श्री मनोहर लाल सचदेवा की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अंबाला की मेयर श्रीमती शैलजा संदीप सचदेवा रही। मेयर शैलजा संदीप सचदेवा और उनके पति एवं राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ के प्रथम एडवोकेट संदीप सचदेवा ने पुष्प गुछ देकर और शॉल एवं पगड़ी भेंट करके गीता मनीषी श्री स्वामी ज्ञानानंद जी का कार्यक्रम में स्वागत किया। उसके उपरांत पूरे भारतवर्ष से राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ के आए हुए प्रतिनिधियों ने स्वामी ज्ञानानंद जी को पुष्प हार देकर उनका कार्यक्रम में स्वागत किया।कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए हैदराबाद, सूरत, भोपाल, रांची, कोलकाता, चेन्नई से बड़ी संख्या में पंजाबी समाज के लोग पहुंचे।

एडवोकेट संदीप सचदेवा आए हुए समस्त जनमानस को श्री अरूट जी महाराज के इतिहास में बताते हुए कहा कि अरूट जी महाराज भगवान् राम के पुत्र लव- कुश की वंशावली में हैं। और वर्तमान में पाकिस्तान के अरूटकोट शहर से इन्होंने अपना विशाल सम्राज्य स्थापित किया।मेयर शैलजा संदीप सचदेवा ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी के प्रणाम अर्पण करने के बाद स्वामी जी द्वारा समाज को गीता के द्वारा जो सद् मार्ग समाज को दिखाया जा रहा है उसके लिए स्वामी जी का आभार व्यक्त किया और आये हुए लोगोँ को कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए धन्यवाद दिया।

आज केवल अरूट जी महाराज की केवल मूर्ति नहीं अपितु उनके आदर्शों को भी आज अंबाला में स्थापित किया जा रहा है

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज जन्माष्टमी आए हुए जनमानस को अपने प्रवचनों से अभिभूत किया, और बताया की भगवत गीता भगवान का अनादि संदेश है। और समाज की वर्तमान परिस्थितियों में इसका बहुत महत्व है। पूरे विश्व में भी अगर आज के समय में देखा जाए तो विभिषिकाओं और समस्याओं से घिरा पड़ा है। ऐसी स्थिति में गीता का एक-एक श्लोक पूरे विश्व समाज को उनकी समस्याओं का समाधान दे सकता है। उन्होंने ने कहा की आज केवल अरूट जी महाराज की केवल मूर्ति नहीं अपितु उनके आदर्शों को भी आज अंबाला में स्थापित किया जा रहा है।

अपने आशीर्वचनों के बाद गीता मनीषी स्वामी ज्ञाननंद जी ने अरुण जी महाराज की मूर्ति का अनावरण किया और समाज को समर्पित किया।