Ambala News | आज समाज नेटवर्क । अंबाला छावनी। नागरिक अस्पताल अंबाला छावनी स्थित अटल कैंसर केयर सेंटर ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां 29 वर्षीय महिला हरजीत कौर का जटिल रसोली (फाइब्रॉइड्स) का आॅपरेशन सफलतापूर्वक किया गया है। यह आपरेशन अस्पताल की विशेषज्ञ डॉक्टर मीनाक्षी राणा की अगुवाई में किया गया, जिसमें महिला के पेट से कुल 10 रसौलियां निकाली गईं। यह सर्जरी पूरी तरह से निशुल्क की गई, जिससे मरीज और उसके परिवार को भारी आर्थिक राहत मिली है।
अगर यह आॅपरेशन किसी निजी अस्पताल में कराया जाता, तो इसकी अनुमानित लागत करीब एक से डेढ़ लाख रुपये होती। लेकिन प्रदेश सरकार की जनहितकारी स्वास्थ्य योजनाओं और ड्रीम प्रोजेक्ट अटल कैंसर केयर सेंटर के कारण यह इलाज आमजन के लिए मुफ्त संभव हो सका।
मरीज और उसके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन का किया धन्यवाद
हरजीत कौर, जोकि अंबाला के पास स्थित गांव ठरवा की निवासी हैं, ने इलाज के बाद अस्पताल प्रशासन का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतनी जटिल सर्जरी सरकारी अस्पताल में मुफ्त हो सकती है। यहां इलाज, जांच और देखभाल की हर सुविधा अत्यंत व्यवस्थित और समर्पण भाव से दी गई।’ उन्होंने विशेष रूप से प्रदेश के ऊर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज, सिविल सर्जन डॉक्टर राकेश सहल,प्रिंसिपल मेडिकल आॅफिसर डॉक्टर पूजा पैंटल का आभार व्यक्त किया, जिनके प्रयासों से आमजन को यह सुविधा उपलब्ध हो सकी। हरजीत के पिता गुरदेव सिंह ने कहा कि मंत्री अनिल विज का यह ड्रीम प्रोजेक्ट आज अंबाला की जनता के लिए वरदान साबित हो रहा है।
रसोली एक आम लेकिन जटिल समस्या : डॉ. मीनाक्षी राणाा
डॉ. मीनाक्षी राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि रसोली (फाइब्रॉइड्स) एक आम लेकिन कई बार जटिल समस्या होती है, विशेष रूप से तब जब संख्या अधिक हो। मरीज को पेट में दर्द, भारीपन और मासिक धर्म संबंधी समस्याएं हो रही थीं। आॅपरेशन पूरी तरह सफल रहा और मरीज अब स्वस्थ है।
सिविल सर्जन डॉ. राकेश सहल ने बताया कि अटल कैंसर केयर सेंटर प्रदेश सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जिसका उद्देश्य कैंसर और संबंधित जटिल बीमारियों का समय पर, सुलभ और मुफ्त इलाज देना है। इस सेंटर में अब तक सैकड़ों मरीजों को लाभ मिल चुका है।
पीएमओ डॉ. पूजा पैंटल ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण इलाज उनके अपने जिले में ही उपलब्ध कराया जाए, और अंबाला में यह सपना साकार हो रहा है।
यह सफलता न सिर्फ चिकित्सा क्षेत्र की उपलब्धि है, बल्कि यह दिखाती है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं अगर निष्ठा और संसाधनों के साथ चलाई जाएं तो वे निजी संस्थानों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं।
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