Stray Cow-Free Haryana के लिए तेज़ होगी कार्रवाई, गौशाला आयोग अध्यक्ष ने लिया फील्ड फीडबैक

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Stray Cow-Free Haryana के लिए तेज़ होगी कार्रवाई, गौशाला आयोग अध्यक्ष ने लिया फील्ड फीडबैक
Stray Cow-Free Haryana के लिए तेज़ होगी कार्रवाई, गौशाला आयोग अध्यक्ष ने लिया फील्ड फीडबैक
  • देसी नस्ल संवर्धन पर जोर, आयोग अध्यक्ष बोले – अब सडक़ों पर नहीं दिखेगा आवारा गोवंश
  • गौशालाओं की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता, निरीक्षण के दौरान दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

Stray Cow-Free Haryana, (आज समाज), पानीपत : हरियाणा गौशाला सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बुधवार को जिले की प्रमुख गौशालाओं पानीपत, नौल्था, शाहपुर और शिव गौशाला का निरीक्षण कर गौ संरक्षण और गोवंश संवर्धन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। गोहाना रोड स्थित मुख्य गौशाला में आयोजित बैठक में उन्होंने जिले की सभी पंजीकृत गौशालाओं के प्रतिनिधियों को जिम्मेदारियां सौंपी तथा उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान का आश्वासन दिया।

प्रदेश सरकार का लक्ष्य हरियाणा को बेसहारा गो-मुक्त बनाना

अध्यक्ष गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य हरियाणा को बेसहारा गो-मुक्त बनाना है और इसके लिए प्रशासन, गौशालाओं व समाज को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि गोवंश सडक़ों पर न दिखे, इसके लिए सभी गौशालाओं को अपनी क्षमता बढ़ानी होगी। इसी कड़ी में जिले की पांच गौशालाओं ने 1300 गोवंश रखने की सहमति व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि पंजीकृत गौशालाओं को सरकार अनुदान दे रही है, इसलिए आवारा व बेसहारा गोवंश को आश्रय देना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

देसी नस्ल के संरक्षण को नई गति मिली

चेयरमैन ने बताया कि पानीपत जिले की गौशालाओं के उत्थान के लिए सरकार द्वारा 2 करोड़ 82 लाख रुपये की राशि जारी की गई है, जो अब तक की सबसे बड़ी सहायता है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 2014 से राज्य सरकार गौशालाओं के लिए नियमित अनुदान दे रही है, जिससे देसी नस्ल के संरक्षण को नई गति मिली है।

अनेक गौशालाएं 2000 लीटर से अधिक दूध उत्पादन कर रही

उन्होंने गौशाला प्रबंधक समितियों से अपील की कि वे देशी गायों के संवर्धन में योगदान दें, क्योंकि अनेक गौशालाएं 2000 लीटर से अधिक दूध उत्पादन कर रही हैं, जो देसी नस्ल की क्षमता को दर्शाता है। निरीक्षण के दौरान गर्ग ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि किसी भी गाय या नंदी को वैक्सीनेशन से वंचित न छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि मुंहखुर व गलघोटू जैसी बीमारियों से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण अनिवार्य है। चेयरमैन ने बताया कि जिन गौशालाओं ने अभी तक अनुदान के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके लिए सरल पोर्टल को 30 नवंबर तक दोबारा खोल दिया गया है, जिससे वे योजना का लाभ ले सकें।

सभी गौशालाओं में आवश्यक वैक्सीनेशन पूरा किया जा चुका

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक संजय आंतिल ने बताया कि जिले में 33 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिनमें लगभग 22,000 गोवंश रह रहा है। उन्होंने बताया कि सभी गौशालाओं में आवश्यक वैक्सीनेशन पूरा किया जा चुका है। हरिओम तायल और रामनिवास गुप्ता ने बैठक में मौजूद सभी गौशाला प्रबंधन प्रतिनिधियों से नस्ल सुधार कार्यक्रम में सहयोग करने और समय पर अनुदान के लिए आवेदन करने की अपील की। निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष ने विभिन्न गौशालाओं में शेड, पानी की उपलब्धता, चारे की व्यवस्था और गोवंश के स्वास्थ्य का बारीकी से जायजा लिया और आवश्यक निर्देश जारी किए।

प्रदेश में आवारा गोवंश घूमता हुआ नजर नहीं आएगा

गौशाला प्रबंधक समितियों ने चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग तथा पशुपालन विभाग के उपनिदेशक का पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। अध्यक्ष गर्ग ने कहा कि बहुत जल्द धरातल पर ऐसी कार्रवाई दिखाई देगी कि शहरों व गांवों में आवारा गोवंश घूमता हुआ नजर नहीं आएगा। सरकार और समाज के सहयोग से हरियाणा को गो-मुक्त व गो-संवर्धन युक्त राज्य बनाना लक्ष्य है। इस मौके पर प्रभारी राकेश मलिक, कुलबीर खरब,एसडीओ पशुपालन विभाग श्री भगवान, डॉक्टर सुनीता, वीरेंद्र कुमार, रविंदर कादयान के अलावा दो दर्जन से ज्यादा गौशालाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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