हरियाणा-पंजाब के बीच जारी पानी विवाद को लेकर गहराया जल संकट
Haryana News (आज समाज) चंडीगढ़: गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। इसी के साथ हरियाणा में जल संकट गहराता जा रहा है। भाखड़ा नहर के पानी को लेकर पंजाब से जारी विवाद के बीच हरियाणा के 10 जिलों में पानी की किल्लत शुरू हो चुकी है। प्रदेश के 51 जलघरों में पूरी तरह से पानी सूख चुका है। सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी सहित दक्षिण हरियाणा के कई शहरों में समस्या गंभीर होती जा रही है।
पंजाब सरकार की ओर से हरियाणा के हिस्से के पानी में कटौती करने के बाद बीते 29 अप्रैल को जन स्वास्थ्य विभाग के मंत्री रणवीर गंगवा की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई थी। इसमें प्रदेश की जनता को पानी की उपलब्धता को लेकर खास योजना तैयार की गई थी। वहीं जन स्वास्थ्य मंत्री रणवीर गंगवा ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पानी को लेकर ओछी राजनीति कर रही है। पिछले कई सालों से हरियाणा को 9 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी भी मिला है। वैसे तो साढ़े 8 हजार क्यूसेक पानी हरियाणा को मिलना चाहिए लेकिन पंजाब सरकार ने उसे आधा कर दिया है।
गांवों में एक दिन छोड़कर हो रही पानी की सप्लाई
जलघरों में पानी खत्म होने से जन स्वास्थ्य विभाग की राशनिंग व्यवस्था भी कमजोर पड़ गई है। ट्यूबवेल के जरिए पानी सप्लाई की व्यवस्था की जा रही है। मौजूदा समय में इन जिलों के शहरी इलाकों में एक समय पानी दिया जा रहा है तो गांवों में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई हो रही है।
इस प्लानिंग को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए। साथ ही हिदायत दी गई है कि वह गर्मी के बीच जल संकट में फील्ड में ही नौकरी करें। विभाग की ओर से राशनिंग सिस्टम तो शुरू किया गया और शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए अलग-अलग समयावधि तय की गई है।
150 लीटर प्रति व्यक्ति पानी देने का मानक तय
पानी संकट के दृष्टिगत विभाग की ओर से वाटर सप्लाई एंड डिमांड असिस्टमेंट के तहत यह कहा गया है कि प्रति व्यक्ति के हिसाब से जरूरी पानी की आवश्यकता को देखते हुए 150 लीटर का मानक तय कर अधिकारियों को प्लानिंग करनी होगी। इसके साथ ही शहर की वर्तमान क्षमता का भी आंकलन किया जाएगा।
पानी की उपलब्धता पूरी नहीं हो पा रही
नहरी पानी की बंदी अवधि के दौरान, उथले ट्यूबवेल और टैंकरों जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहकर काम करना होगा, लेकिन उस मानक को पूरा करने में विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है क्योंकि नहरी पानी का फ्लो कम हो गया है। हालांकि विभाग की ओर पंपसेट के जरिए जलघरों में पानी छोड़ा जा रहा है पर उससे पानी की उपलब्धता पूरी नहीं हो पा रही है।
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