Haryana News: हरियाणा में लागू हुई यूपीएस पेंशन स्कीम

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Haryana News: हरियाणा में लागू हुई यूपीएस पेंशन स्कीम
Haryana News: हरियाणा में लागू हुई यूपीएस पेंशन स्कीम

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने जताया विरोध
(आज समाज) चंडीगढ़: कर्मचारियों के विरोध के बीच हरियाणा में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) 1 अगस्त से लागू हो गई है। हरियाणा में विभिन्न सरकारी विभागों में तैनात कर्मचारी अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प चुन सकेंगे। यह उनकी मर्जी होगी कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली चुनते हैं या फिर यूपीएस। वहीं कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि ओपीएस कर्मचारियों की लाइफलाइन है और इससे हासिल करने के लिए व्यापक एकता के साथ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि वन नेशन,वन इलेक्शन के पैरोकार वन नेशन, वन पेंशन पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को राजस्थान, छत्तीसगढ़ व झारखंड की तरह ओपीएस लागू करने का फैसला करना चाहिए।

यह मिलेगा लाभ

  • 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी को यूपीएस के तहत सेवानिवृत्ति से पहले 12 महीनों के दौरान प्राप्त औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन में मिलेगी। यदि कर्मचारी 10 या इससे अधिक वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होता है तो उसे प्रति माह दस हजार रुपये का न्यूनतम गारंटीकृत भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
  • पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में परिवार को अंतिम आहरित पेंशन राशि का 60 प्रतिशत प्राप्त होगा। यह महंगाई राहत सुनिश्चित पेंशन भुगतान और पारिवारिक पेंशन दोनों पर लागू होगी, जिसकी गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते के समान ही की जाएगी। महंगाई राहत केवल तभी देय होगी, जब पेंशन भुगतान शुरू हो जाएगा।
  • रिटायरमेंट के समय एकमुश्त भुगतान की भी अनुमति दी जाएगी, जो अर्हक सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए मासिक परिलब्धियों (मूल वेतन महंगाई भत्ता) का दस प्रतिशत होगा। यह एकमुश्त राशि सुनिश्चित पेंशन भुगतान को प्रभावित नहीं करेगी।
  • वर्तमान नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी दस प्रतिशत अंशदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है। यूपीएस के तहत सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा।
  • यूपीएस के तहत कोष में दो निधियां शामिल होंगी। एक व्यक्तिगत कोष जिसमें कर्मचारी अंशदान और हरियाणा सरकार से प्राप्त योगदान शामिल होगा जो हरियाणा सरकार से अतिरिक्त योगदान द्वारा वित्त पोषित एक पूल कार्पस फंड के रूप में संचालित होगा। योजना के तहत कर्मचारी अपने (मूल वेतन महंगाई भत्ते) का दस प्रतिशत योगदान देंगे, जिसमें हरियाणा सरकार से मिला बराबर योगदान होगा।
  • दोनों राशियां प्रत्येक कर्मचारी के व्यक्तिगत कोष में जमा की जाएंगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार यूपीएस का विकल्प चुनने वाले सभी कर्मचारियों के (मूल वेतन महंगाई भत्ते) का अनुमानित 8.5% औसत आधार पर पूल कार्पस में योगदान करेगी।
  • कर्मचारी अपने व्यक्तिगत कोष के लिए निवेश विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं, जिसे पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा विनियमित किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी निवेश वरीयता निर्दिष्ट नहीं करता है तो पीएफआरडीए द्वारा परिभाषित निवेश का डिफाल्ट पैटर्न लागू होगा।
  • हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2016 के नियम 95(2) में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार सेवानिवृत्ति के समय सरकारी कर्मचारी द्वारा समर्पित की गई पेंशन की राशि को सेवानिवृत्ति की तिथि से 15 वर्ष पूर्ण होने पर पुन: बहाल कर दिया जाएगा।