UPI: 1 अक्टूबर से बंद होगी यूपीआई की ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ सर्विस

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UPI: 1 अक्टूबर से बंद होगी यूपीआई की ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ सर्विस
UPI: 1 अक्टूबर से बंद होगी यूपीआई की ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ सर्विस

धोखाधड़ी रोकने के लिए यूपीआई ने हटाने का लिया निर्णय
UPI (आज समाज), नई दिल्ली: बढ़ रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया (यूपीआई) ने एक अक्टूबर से ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ सर्विस बंद करने का निर्णय लिया है। यूपीआई के इस फैसले से पीयर-टू-पीयर ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ फीचर को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इस फैसले का मकसद डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित बनाना और बढ़ते आॅनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगाना है।

स्कैमर्स का पसंदीदा हथियार बन गई सर्विस

यह सुविधा किसी भी यूजर को दूसरे यूपीआई यूजर से पैसे का अनुरोध भेजने की अनुमति देती है। जैसे ही सामने वाला व्यक्ति रिक्वेस्ट स्वीकार करता है और अपना यूपीआई पिन डालता है, रकम ट्रांसफर हो जाती है। हालांकि, समय के साथ यह फीचर स्कैमर्स का पसंदीदा हथियार बन गया। धोखेबाज नकली रिक्वेस्ट भेजकर लोगों को ठगने लगे, जिससे वित्तीय नुकसान के कई मामले सामने आए।

केवल पीयर-टू-पीयर कलेक्ट रिक्वेस्ट

यूपीआई ने साफ किया है कि यह रोक सिर्फ पीयर-टू-पीयर कलेक्ट रिक्वेस्ट पर लागू होगी। मर्चेंट्स 1 अक्टूबर के बाद भी इस सुविधा का इस्तेमाल कर पाएंगे। हालांकि, व्यापारियों के लिए केवाईसी नियमों को सख्त करने की योजना है, ताकि धोखाधड़ी और कम की जा सके।

पुल ट्रांजैक्शन को प्रोसेस नहीं कर पाएंगे सदस्य बैंक और यूपीआई एप्स

फिलहाल, कोई भी यूपीआई यूजर एक ट्रांजैक्शन में अधिकतम 2,000 रुपये तक की कलेक्ट रिक्वेस्ट भेज सकता है। लेकिन एनपीसीआई के नए निर्देश के बाद सदस्य बैंक और यूपीआई एप्स इस तरह के पुल ट्रांजैक्शन को प्रोसेस नहीं कर पाएंगे।

डिजिटल पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम पहल

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बदलाव से बहुत ज्यादा परेशानी नहीं होगी, क्योंकि यूपीआई के कुल लेनदेन में पुल ट्रांजैक्शन का हिस्सा मात्र 3% है। यह कदम डिजिटल पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।