UPI Users : UPI यूज़र्स को पेमेंट पर मिलेगा कैशबैक का फायदा सरकार बना रही है योजना

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Online transaction Rules : लेन-देन को सुरक्षित करने के लिए नियमों में हुआ बदलाव , P2P सेवा हुई बंद
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UPI Users : लाखो यूज़र्स आज के समय में पेमेंट के लिए UPI का प्रयोग कर रहे है। आज के डिजिटल युग में छोटी से बड़ी पेमेंट बड़ी ही आसानी से UPI के जरिये की जा सकती है। डिजिटलीकरण को देखते हुए सरकार द्वारा UPI को लेकर एक योजना पर काम कर रही है।

जिसका फायदा लाखो यूज़र्स को होने वाला है योजना के अनुसार UPI से पेमेंट करने पर आपको डिस्काउंट मिलेगा, जबकि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों को ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं।

इस मामले से जुड़े तीन लोगों ने बताया कि सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिससे UPI के लागत लाभ का सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारी जल्द ही उद्योग जगत के हितधारकों से मिलेंगे। तो अगर आप UPI यूजर हैं तो यह खबर आपके लिए किसी लॉटरी से कम नहीं है।

क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर दुकानदार को क्यों होता है नुकसान?

क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर दुकानदार को 2-3% (मर्चेंट डिस्काउंट रेट-MDR) का शुल्क देना पड़ता है, जो बैंक या पेमेंट कंपनियों (जैसे वीजा, मास्टरकार्ड) को जाता है। ज़्यादातर दुकानदार यह शुल्क ग्राहक से नहीं लेते, बल्कि अपनी जेब से चुकाते हैं।

इसका मतलब है कि अगर आप क्रेडिट कार्ड से ₹100 का सामान खरीदते हैं, तो दुकानदार को सिर्फ़ ₹98 (₹2 शुल्क के तौर पर कटता है) मिलते हैं। जबकि, UPI में यह शुल्क बिल्कुल नहीं लगता! यानी दुकानदार को पूरे ₹100 मिलते हैं। यही वजह है कि कई छोटे दुकानदार क्रेडिट कार्ड से भुगतान लेने से कतराते हैं।

सरकार की यह शानदार योजना क्या है?

सरकार चाहती है कि UPI के फ़ायदे (जैसे कि शुल्क-मुक्त भुगतान) भी सीधे ग्राहकों को मिलें। इसी सोच के तहत एक नई योजना पर काम किया जा रहा है। इस योजना के लागू होने के बाद UPI यूजर को संभवतः ₹100 की चीज़ के लिए सिर्फ़ ₹98 (₹2 छूट) चुकाने होंगे।

जबकि, क्रेडिट कार्ड यूजर को पूरे ₹100 चुकाने होंगे। इससे न केवल UPI का इस्तेमाल बढ़ेगा, बल्कि ग्राहकों को इसका सीधा आर्थिक लाभ भी मिलेगा। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए यह एक बेहतरीन कदम साबित हो सकता है।

कब मिलेगा यह लाभ?

इस योजना को लागू करने के लिए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय जल्द ही ई-कॉमर्स कंपनियों (जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट), बैंकों, एनपीसीआई (जो UPI चलाता है) और अन्य संबंधित संगठनों के साथ एक अहम बैठक करने जा रहा है। संभावना है कि यह बैठक जून में हो सकती है। हालांकि, यह योजना अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही UPI यूजर्स को इसका लाभ मिलना शुरू हो सकता है।

UPI का जलवा

पिछले साल (2024-25) UPI के जरिए 185 बिलियन ट्रांजेक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू ₹260.56 लाख करोड़ थी। पिछले 3 सालों में 26 करोड़ नए यूजर और 5.5 करोड़ नए दुकानदार UPI से जुड़े हैं। 2024 तक करीब 45 करोड़ लोग UPI का इस्तेमाल कर चुके होंगे।

ये आंकड़े बताते हैं कि UPI आज भारत में डिजिटल पेमेंट का बादशाह बन चुका है। सरकार का भी यही उद्देश्य है कि UPI और ज़्यादा लोकप्रिय हो, ताकि डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल और भी तेज़ी से बढ़े। अब देखना यह है कि दुकानदार और कंपनियाँ इस नई योजना पर कैसी प्रतिक्रिया देती हैं।

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